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अफगानिस्तान में शांति की उम्मीद जगाने वाली बातचीत कतर में

१५ जून २०२०

अफगानिस्तान के गृहयुद्ध में शामिल पक्षों के बीच शांति वार्ता की बात काफी समय से चल रही है. अमेरिका से समझौते के बाद से ही तालिबान और सरकारी पक्ष के बीच बातचीत के कयास लग रहे हैं. अब ये बातचीत कतर में होगी.

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मई में बागराम जेल से तालिबान बंदियों की रिहाईतस्वीर: picture-alliance/AP/R. Gul

अमेरिका से फरवरी में हुए समझौते के बाद से ही तालिबान और अफगानिस्तान के सरकारी पक्ष के बीच बातचीत के कयास लग रहे हैं. अब तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि ये बातचीत कतर में होगी. महीनों से नियोजित अंतर-अफगानी शांति वार्ता खाड़ी के देश कतर में होगी. रविवार को अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता सेदिक सिद्दिकी ने ये सूचना दी थी. अब तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.

दोनों पक्षों की पहली मुलाकात दोहा में होगी लेकिन सीधी बातचीत की जगह अभी तय नहीं हुई है. प्रेक्षकों का कहना है कि तालिबान चाहता है कि बातचीत दोहा में हो जहां उसने 2013 से ही अपना राजनीतिक दफ्तर खोल रखा है. शांति वार्ता के लिए अबी तक कोई तारीख तय नहीं हुई है. इस बातचीत का मकसद अफगानिस्तान में हिंसक विवाद का खात्मा है. काबुल सरकार और चरमपंथी इस्लामी संगठन तालिबान बंदियों की अदला बदली के एक समझौते पर काम कर रहे हैं. बातचीत शुरू होने से पहले बंदियों की अदला बदली भरोसे का माहौल बनाने का काम करेगी. हाल में तालिबान के बढ़ते हमलों के बाद बंदियों की अदला बदली रुक गई थी.

हफ्ते में 400 से ज्यादा सैनिक हताहत

अफगानिस्तान की सुरक्षा परिषद ने रविवार को कहा कि पिछले एक हफ्ते में तालिबान ने 222 आतंकी हमले किए हैं जिनमें देश के 422 सैनिक या तो मारे गए हैं या घायल हो गए हैं. आम तौर पर अफगानिस्तान की सरकार तालिबान के साथ लड़ाई में मरने वाले अपने सैनिकों की तादाद के बारे में कोई जानकारी नहीं देती है. लेकिन पिछले हफ्तों में तनाव में कमी के बाद बंदियों की अदला बदली के लिए हालात बेहतर हुए हैं. 

Afghanistan Kabul | Graffiti Zalmai Khalilzad & Mullah Baradar
काबुल में अमेरिकी दूत जालमाय खलीलजाद और मुल्ला बरादर की ग्रैफिटीतस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Gul

बंदियों की अदला बदली का फैसला अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते का हिस्सा है जिस पर इस साल फरवरी में दोहा में दस्तखत किए गए थे. मुसलमानों के पवित्र त्योहार ईद के समय तीन दिनों के संघर्ष विराम ने अफगानिस्तान के दोनों पक्षों के बीच तनाव घटाने का काम किया. उसके बाद अफगान सरकार ने 3000 बंदियों को रिहा कर दिया. तालिबान ने सरकारी पक्ष के 600 लोगों को रिहा किया है.

यूएस और यूरोपीय विदेश मंत्रियों की बातचीत

अमेरिका तालिबान समझौते में वहां मौजूद बाकी अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को हटाने की बात तय हुई है. साथ ही अफगानिस्तान के घरेलू फरीकों के बीच शांति वार्ता का रास्ता खुलेगा. अफगानिस्तान सरकार इस समझौते में शामिल नहीं थी, क्योंकि तालिबान ने उसके साथ सीधी बातचीत करने से मना कर दिया था. इसलिए शुरुआत में उसका रवैया फूंक फूंक कर पांव बढ़ाने का था. लेकिन इस बीच उसने तालिबान बंदियों को रिहा करना शुरू कर दिया है. अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते के अनुसार अफगान सरकार तालिबान के 5000 लड़ाकों को रिहा करेगी जबकि तालिबान सरकारी पक्ष के 1000 लोगों को छोड़ेगा.

आज यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्री अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पेयो के साथ बातचीत कर रहे हैं. दूसरी बातों के अलावा अफगानिस्तान मुद्दे पर भी बातचीत होगी. अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस करने की अमेरिका की घोषणा सहयोगियों से बातचीत के बिना हुई थी. अफगानिस्तान, इराक और जर्मनी से भी अमेरिकी सैनिकों को हटाने के इरादे ने यूरोप के देशों में संशय की स्थिति पैदा कर दी है.

एमजे/सीके (एएफपी, डीपीए)

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