अब अरुणाचल को भी चीन का नत्थी वीजा
१३ जनवरी २०११चीन भारत प्रशासित कश्मीर के लोगों को नत्थी वीजा देता है जिस पर भारत को सख्त ऐतराज है. इस ऐतराज की परवाह करना तो दूर, चीन ने अब अरुणाचल के लोगों को भी नत्थी वीजा देना शुरू कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले दो लोगों को नई दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बीजिंग के विमान में चढ़ने से रोक लिया गया क्योंकि उन्हें चीन ने नत्थी वीजा दिया था.
भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ के संयुक्त सचिव अब्राहम के तेची एक खिलाड़ी के साथ बीजिंग जाने वाले थे. लेकिन वे हैरान रह गए जब इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया और विमान तक नहीं जाने दिया. इसकी वजह चीनी दूतावास का दिया वीजा था जो उनके पासपोर्ट पर नहीं था बल्कि एक कागज पर अलग से लिखकर दिया गया था.
तेची और उनके खिलाड़ी को चीन के वेटलिफ्टिंग असोसिएशन के अध्यक्ष मेनगुआंग के न्योते पर चीन जाना था. उन्हें फूजियान राज्य में 15 से 17 जनवरी तक होने वाली चीनी वेटलिफ्टिंग ग्रां प्री के लिए चीन बुलाया गया था.
जब तेची को जाने से रोक लिया गया तो उन्होंने चीनी दूतावास से संपर्क किया. तेची ने पीटीआई को बताया कि चीनी दूतावास ने उनसे कहा कि उन्हें सही वीजा दिया गया है. तेची भारतीय अधिकारियों की कार्रवाई से सख्त नाराज हैं. उन्होंने कहा कि यह अरुणाचल के लोगों का अपमान है.
भारत की प्रतिक्रिया
इस घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कांग्रेस के लोकसभा सदस्य तकम संजोय ने कहा है कि चीन के ऐसे कदम दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "दिसंबर में चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की यात्रा के दौरान भारत, खासतौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बड़े कदम उठाते हुए दोनों पड़ोसियों के रिश्तों को बेहतर बनाने की भरपूर कोशिश की. लेकिन चीनी सरकार के इस कदम ने उसकी नीति को साफ कर दिया है."
चीन ने दो साल पहले जम्मू कश्मीर के लोगों को नत्थी वीजा देना शुरू किया. 2007 में अरुणाचल के रहने वाले एक भारतीय आईएएस अफसर गणेश कोयू को उसने वीजा देने से ही इनकार कर दिया. इस वजह से 107 भारतीय अफसरों का चीन जाने का कार्यक्रम ही रद्द कर दिया गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन