अमेरिका की कामकाजी औरतें 4 लाख डॉलर का नुकसान झेलती हैं
१६ मार्च २०२२अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने महिलाओं का वेतन पुरुषों के बराबर लाने के लिए नए कदम उठाने का एलान किया है. उन्होंने निजी कंपनियों से भी महिलाओं के वेतन के फर्क को मिटाने का आग्रह किया है. तमाम कोशिशों के बावजूद महिलाओं को पुरुषों से कम ही वेतन मिलता है.
पूरे करियर में 4 लाख डॉलर का नुकसान
अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर में समान वेतन दिवस के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों पर भी महामारी का असर दिखा. कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा, "पिछले दो साल में महामारी ने ना सिर्फ इस फर्क को बढ़ाया है बल्कि मदद करना ज्यादा महंगा होने के साथ ही मदद खोजना मुश्किल हो गया है." कमला हैरिस ने इसके साथ ही कहा, "40 साल के करियर में एक महिला करीब 4 लाख डॉलर गंवा देती है. काली, लैटिन और अमेरिकी मूल निवासी औरतों के लिए तो यह नुकसान करीब 10 लाख डॉलर का है."
आंकड़े दिखाते हैं कि मौजूदा दौर में वेतन का फर्क सबसे कम है हालांकि कोरोना वायरस की महामारी ने महिलाओं की नौकरी में भागीदारी पर बड़ा असर डाला है. ऐसे में नेशनल वीमेंस लॉ सेंटर की रिसर्च डायरेक्टर जासमीन टकर कहती हैं, "हम जो कमी देख रहे हैं वो कृत्रिम है."
उदाहरण के लिए जो महिलाएं महामारी के दौरान भी नौकरी में बनी रहीं और पूरे वक्त काम किया, अकसर उनकी आमदनी उनके पुरुष सहयोगियों से ज्यादा है जो कम वेतन वाली नौकरी करते थे. टकर का कहना है कि ऐसे में 2020 के आंकड़ों की पिछले साल के आंकड़ों से तुलना नहीं की जानी चाहिए.
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समान वेतन पाने की लड़ाई
जासमीन टकर ने कहा कि समान वेतन पाने की लड़ाई अभी काफी लंबी है खासतौर से महामारी के बाद. फरवरी 2020 से फरवरी 2022 के बीच कामकाजी महिलाओं की संख्या अमेरिका में 11 लाख कम हुई है. इसका मतलब है कि ना तो वे काम कर रही हैं और ना ही नौकरी की तलाश में हैं. टकर ने बताया, "खासतौर से कम आय वाले कर्मचारियों की नौकरी गई है और जो बचे हैं वो मध्य या फिर उच्च आय वाले कर्मचारी हैं जो महामारी से बच गए."
2020 में पूरे समय काम करने वाली एक औसत महिला की कमाई अगर उसी काम के लिए पुरुष के वेतन से करें तो वह एक डॉलर के मुकाबले 83 सेंट थी. यह आंकड़ा व्हाइट हाउस का है. रंग और नस्ल को भी अगर देखें तो यह फर्क और ज्यादा बड़ा है.
यह मामला महिलाओं के लिए उनके जीवन के हर मोड़ पर सामने आता है. 2020 में ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन ने महिलाओं के रिटायरमेंट पर रिसर्च किया तो पता चला कि उन्हें मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा के फायदे पुरुषों के मुकाबले महज 80 फीसदी ही है.
पिछली तनख्वाह की जानकारी जरूरी नहीं
15 मार्च को समान वेतन दिवस के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए. इसमें सरकार उन संघीय ठेकेदारों को प्रतिबंधित करने को बढ़ावा देगी जो नौकरी का आवेदन करने वालों से उनके पिछले वेतन की जानकारी मांगते हैं.
हालांकि यह कार्यकारी आदेश ऐसा करने के लिए सिर्फ बढ़ावा देता है आदेश नहीं देता. अमेरिकी श्रम विभाग ने भी इस मामले में एक निर्देश जारी किए हैं जो संघीय ठेकेदारों के लिए कर्मचारियों के वेतन की छानबीन करना जरूरी बनाता है ताकि लिंग, जाति या रंग के आधार पर वेतन में फर्क को रोका जा सके.
कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करने के बाद बाइडेन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सभी निजी कंपनियों के लिए भी यह उदाहरण बनेगा और वे इसे लागू करेंगे. लैंगिक समानता केवल महिलाओं का मुद्दा नहीं है. इससे सबको फायदा होता है."
मानव संसाधन प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह एक नियम बनाए ताकि संघीय कर्मचारियों को नौकरी पर रखने से पहले उनके पिछले वेतन के बारे में जानकारी ना ली जाए और इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जा सके.
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दिवस मनाने की जरूरत
समान वेतन दिवस मनाना इस लिए शुरू किया गया था ताकि लोगों का ध्यान इस ओर खींचा जा सके कि पुरुषों के बराबर वेतन पाने के लिए महिलाओं को कितने अधिक समय तक काम करना होगा.
व्हाइट हाउस में हुए इस कार्यक्रम में कैबिनेट के सदस्य, कंपनियों के कार्यकारी अधिकारी और अमेरिकी महिला फुटबॉल टीम भी मौजूद थी. टीम ने हाल ही में अमेरिकी फुटबॉल से भेदभाव के विवाद में 2.4 करोड़ डॉलर की रकम जीतने में सफलता पाई है. टीम के साथ हुए सेटलमेंट में यह भी तय किया गया है कि वेतन और मैच के बोनस में उन्हें पुरुषों के बराबर धन मिलेगा.
दूसरे मुद्दों के साथ ही बाइडेन प्रशासन पेशागत अलगाव से निबटना चाहता है ताकि महिलाओं की अच्छे वेतन वाली नौकरियों तक पहुंच बन सके जहां अब भी पुरुषों का दबदबा है.
वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि उचित वेतन की कोशिशों का अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर होता है. येलेन ने कहा, "कुछ रिसर्च बताते हैं कि महिलाओं को उचित वेतन मिले तो कामकाजी औरतों की गरीबी आधी घटाई जा सकती है."
एनआर/आरपी (एपी, रॉयटर्स)