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अली हसन खान को जमानत मिली

११ मार्च २०११

मुंबई की एक अदालत ने विदेशी बैंकों में काला धन रखने के आरोपी और पुणे के कारोबारी हसन अली खान को जमानत दे दी है. खान की रिमांड के लिए प्रवर्तन निदेशालय की याचिका को खारिज कर दिया गया.

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अली हसन खानतस्वीर: UNI

मुख्य सेशन कोर्ट जज एमएल तहलियानी ने कहा, "प्रवर्तन निदेशालय ने ऐसी कोई सामग्री पेश नहीं की है जिससे पता चलता हो कि खान ने कोई अपराध किया है." प्रवर्तन निदेशालय ने मुद्रा तस्करी के मामले में पूछताछ के लिए खान की हिरासत की मांग की थी. लेकिन जज ने खान को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी है. अदालत ने निर्देश दिया है कि वह पांच दिन तक मुंबई छोड़ कर नहीं जा सकते हैं और उन्हें रोज प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने हाजिरी देनी होगी.

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि वह अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. बताया जाता है कि स्विट्जरलैंड के यूबीएस बैंक में खान के आठ अरब डॉलर जमा हैं. साथ ही उन पर कुछ गैर कानूनी लेनदेनों के भी आरोप हैं. खान को सोमवार को गिरफ्तार किया गया जिसके बाद से वह प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में थे.

खान पर बड़े पैमाने पर मुद्रा तस्करी और टैक्स चोरी के आरोप हैं. उन्हें अदालत की तरफ से जमानत दिए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के वकील राजीव अवस्थी ने बताया कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने कहा, "हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन शायद अदालत उन पर ध्यान नहीं दे पाई. हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे."

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच को प्रभावी बताते हुए अवस्थी ने कहा, "हमें कुछ सुराग मिले हैं. जांच की खाइयों को पाटने के लिए हसन अली की रिमांड जरूरी थी." लेकिन अदालत ने पैसे को गैर कानूनी रूप से बाहर भेजने के मामलों पर प्रवर्तन निदेशालय के कदमों पर नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि वह अली हसन खान की हिरासत के लिए पहले अपनी तैयारी अच्छी तरह करके आए.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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