आउटसोर्सिंग का मुद्दा जरूर उठाएगा भारत
१५ सितम्बर २०१०भारत के एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से पूछा गया कि ओबामा की यात्रा के दौरान क्या संरक्षणवादी नीतियों पर बात होगी तो अहलूवालिया ने स्पष्ट किया कि आउटसोर्सिंग का मुद्दा तो बातचीत में जरूर उठेगा. ओबामा नवंबर में भारत यात्रा पर आ रहे हैं.
हालांकि मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी स्वीकार करते हैं कि अमेरिकी राज्य ओहायो के आउटसोर्सिंग पर पाबंदी लगाने का मामला लेकर भारत विश्व व्यापार संगठन में नहीं जा सकता क्योंकि भारत एग्रीमेंट ऑफ गवर्नमेंट प्रोक्योरमेंट (जीपीए) का सदस्य नहीं है. व्यापार संगठन में सिर्फ जीपीए समझौता ही बाध्यकारी है. अमेरिका इसका सदस्य है जबकि भारत को पर्यवेक्षक का दर्जा ही हासिल है.
ओहायो के गवर्नर टेड स्ट्रिलैंड ने राज्य के सरकारी विभागों से आउटसोर्सिंग पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है लेकिन भारत में आईटी कंपनियों ने इस फैसले की आलोचना की है. साथ ही एच-1 बी वीजा और एल-1 वीजा के लिए फीस में बढ़ोत्तरी की गई ताकि मेक्सिको के साथ लगने वाली सीमा पर सुरक्षा बंदोबस्त पुख्ता करने के लिए सीमा सुरक्षा विधेयक के तहत धन का इंतजाम हो सके.
अहलूवालिया ने बताया कि अमेरिका फिलहाल राजनीतिक बाध्यताओं से गुजर रहा है क्योंकि नवंबर में वहां अमेरिकी कांग्रेस के चुनाव होने हैं. "अमेरिका में लोगों को बेरोजगारी की दर 10 फीसदी के पार देखने की आदत नहीं है. वैसे भी जल्द ही वहां चुनाव होंगे. यह तो एक बड़ा मुद्दा होगा." अहलूवालिया के मुताबिक आउटसोर्सिंग एक तरह से व्यापार ही है और भारत ने अमेरिकी अधिकारियों को कहा है कि वह उनकी राजनीतिक मुश्किलों को समझता है.
"मैंने उन्हें कहा कि हम उनकी राजनीतिक मजबूरियों को समझते हैं लेकिन उन्हें भी समझना चाहिए कि आउटसोर्सिंग पर पाबंदी लगाए जाने के फैसले को भारत में बड़े ध्यान से देखा जाएगा." ओबामा की बैठक से पहले वॉशिंगटन में 21 सितम्बर को द्विपक्षीय व्यापार नीति मंच की बैठक होनी है जिसमें संरक्षणवादी नीतियों पर बात होगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम