इथियोपिया की कॉफी वालियां
अफ्रीकी देश इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में सुबह सड़क पर मिल रही ताजी कॉफी नींद तो खोल ही देती है, स्थानीय अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका भी निभाती है. कॉफी बेचने वाली महिलाओं के जीवन में इसके क्या मायने हैं, देखें...
शहर में कॉफी के कई ठिकाने हैं लेकिन सबसे सस्ती कॉफी लिया जैसी महिलाओं के थर्मस फ्लास्क से मिलती है. इनकी डलिया में प्याली और तश्तरी भी साथ होती है. लिया बताती हैं कि वह एक कॉफी 3 इथियोपियन बीर यानि करीब 15 अमेरिकी सेंट में बेचती हैं और दिन के करीब 40 बीर के मुनाफे से वह संतुष्ट हैं.
एस्टर एंडेल कहती हैं कि वह अब धूप में कॉफी बेचने और कम आमदनी की जिंदगी से थक गई हैं. अब वह किसी रेस्त्रां या बार के बाहर अपना कॉफी स्टैंड लगाना चाहती हैं, जिसे यहां जेबेना बूना कहते हैं. एंडेल बताती हैं, "बात सिर्फ मेरी नहीं है, आखिर हर कोई बेहतर जिंदगी चाहता है."
19 साल की आयरुसालेम की मुस्कुराहट ग्राहकों को भाती है. वह इस स्टैंड पर दिन भर कोयले पर भुनते कॉफी के बीजों को पीसकर ग्राहकों को कॉफी पिलाती हैं. वह महीने में करीब 700 बीर कमा लेती है. उसने बताया, "मैं खुद अपना जेबेना बूना खोलने के लिए पैसे जोड़ रही हूं, इसमें बहुत फायदा है."
रोजा अपने जेबेना बूना में हर महीने करीब 1000 बीर कमा लेती है. उसने बताया कि कुवैत में रहने वाले उसके रिश्तेदार उसे वहां बुलाने की कोशिश कर रहे हैं. वह मानती है कि कुवैत में कमाकर वह काफी पैसे जोड़ सकती है और वापस अपने शहर आकर कोई बड़ा कारोबार शुरू कर सकती है.
सधे हुए हाथों से रोजा अपनी मिट्टी की केतली से ग्राहक के कप में पारंपरिक तरीके से कॉफी परोसती है. कुवैत जाने के कागज तैयार करवा रही रोजा एक दिन इथियोपिया में अपना होटल और कार खरीदना चाहती है.
बड़े होटलों और कॉफी वालियों के बीच आती हैं कॉफी की ये छोटी दुकानें या ढाबे. जैसे टोमाको, जो 1953 से अपनी खुश्बू से ग्राहकों को अपनी ओर खींचती रही है. कंपनी अपने यहां की रोस्टेड कॉफी बींस अन्य अफ्रीकी देशों में भी बेचने की योजना बना रही है.
आलेम बूना के मार्केटिंग मैनेजर बताते हैं कि नए नए खुल रहे ढाबे और कॉफी की दुकानों को देख पता चलता है कि लोगों की पीने पिलाने की आदतें कैसे बदल रही हैं. खासकर युवा कामकाजी लोगों की जिनके पास घर पर कॉफी भूनने और तैयार करने का समय नहीं है. वह नए अफ्रीकी बाजारों के अलावा यूरोप और एशिया में भी कारोबार फैलाना चाहते हैं.
बोल रोड पर काल्डी की कॉफी की दुकानें युवा इथियोपियाई लोगों और विदेशियों के बीच भी लोकप्रिय है. काल्डी श्रृंखला के मालिक को अपना लोगो हरे और सफेद रंग में बनाने की प्रोरणा भी उनकी अमेरिका यात्रा पर ही मिली थी. काल्डी की शहर भर में 22 दुकानें हैं.
प्यालियों को दोबारा धोने के बाद एस्टर उन्हें डलिया में रखती हैं और वापस नए ग्राहकों की तलाश में सड़क पर निकल पड़ती हैं. समय बर्बाद करने का मतलब है पैसों का नुकसान.