ईरान का बयान 'अपमानजनक, ओबामा बरसे
२५ सितम्बर २०१०अहमदीनेजाद के इस बयान की अमेरिका और अन्य कई देशों में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी अहमदीनेजाद के बयान के दौरान कई सदस्यों ने वॉक आउट किया. अहमदीनेजाद ने कहा कि बहुत से लोग मानते हैं कि 11 सितम्बर को हुए हमलों के पीछे अमेरिकी सरकार का ही हाथ है.
अब ओबामा अहमदीनेजाद पर निशाना साध रहे हैं. एक टीवी चैनल से बातचीत में ओबामा ने कहा, "यह अपमानजनक है. यह घृणित है."
ओबामा के मुताबिक यह बयान इसलिए भी निंदनीय है क्योंकि अहमदीनेजाद ने संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में यह बयान दिया जो ग्राउंड जीरो से ज्यादा दूर नहीं है. "यहां परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, हर धर्म के लोग यहां मारे गए. और अगर वो ऐसा बयान देते हैं तो उसके बचाव में कुछ नहीं कहा जा सकता." न्यू यॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में करीब 3,000 लोग मारे गए थे. अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन पर भी हमला हुआ था.
अहमदीनेजाद ने अपने बयान में कहा, "अमेरिकी सरकार में शामिल कुछ लोगों ने इन हमलों की साजिश रची ताकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर उभार पर लाया जा सके और मध्य पूर्व में अमेरिका की पकड़ को मजबूत बनाया जा सके. इस्राएल की मदद भी मकसद था. अमेरिका में अधिकतर लोग और कई अन्य देशों में लोग इस बात को मानते हैं."
वहीं व्हाइट हाउस के अधिकारियों का कहना है कि अहमदीनेजाद इससे पहले भी अपमानजनक बयान देते रहे हैं और इससे दुनिया में वह और अलग थलग पड़ जाएंगे. ओबामा प्रशासन के मुताबिक अहमदीनेजाद के बयान पर रोष के बावजूद परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए अमेरिका तैयार है.
परमाणु कार्यक्रम पर विवाद के चलते ईरान कड़े प्रतिंबध झेल रहा है. अहमदीनेजाद ने भी बातचीत की मंशा जाहिर की है लेकिन उनके शब्दों में यह बातचीत आदर और न्याय पर आधारित होनी चाहिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन