ऑस्ट्रेलिया से कतराते भारतीय छात्र
१४ अक्टूबर २०१०मेलबर्न यूनिवर्सिटी के उप कुलपति ग्लिन डेविस का कहना है कि भारतीय छात्रों पर हुए हमलों के कारण देश भर में उच्च शिक्षा क्षेत्र पर असर पड़ेगा. खास विक्टोरिया राज्य में जहां विदेशों से आने वाले छात्र सरकार की आमदनी का एक बड़ा जरिया हैं.
डेविस के हवाले से ऑस्ट्रेलिया की एपीपी समाचार एजेंसी ने लिखा है, "हमारे भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 80 फीसदी तक कमी हो सकती है. कुछ संस्थान तो यह आंकड़ा 90 फीसदी तक जाने की बात कह रहे हैं. एक वक्त था जब सब कुछ तेजी से बढ़ रहा था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. हमें पीछे मुड़कर देखना होगा."
पिछले साल मई से ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हमलों के लगभग 100 मामले सामने आए हैं. इनमें कुछ हमले नस्ली भी थे. ऐसे ही एक हमले में 21 के नितिन गर्ग की मौत भी हो गई. उसे पेट में चाकू घोंप कर मार दिया गया.
मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक मोनाश यूनिवर्सिटी अगले साल अपने कर्मचारियों की संख्या में 300 की कटौती करने की योजना बना रही है. इसकी वजह छात्रों की संख्या में कमी से होने वाले घाटे को बताया जा रहा है. डेविस का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया का इकलौता देश है जहां आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या घट रही है. वह कहते हैं, "हर देश में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या बढ़ रही है. सिर्फ हमारे यहां ही गिरावट दर्ज की जा रही है. अब इसके कारण जो भी हों, लेकिन वे इस बात से जुड़े हैं कि हम ऑस्ट्रेलिया में क्या कर रहे हैं."
डेविस का कहना है कि अगर छात्रों की संख्या में गिरावट का सिलसिला जारी रहा तो फिर संघीय सरकार पर शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा निवेश का दबाव बढ़ेगा. इससे ऑस्ट्रेलियाई छात्रों पर भी असर पड़ेगा. लेकिन यह कहना अभी मुश्किल है कि भविष्य में उन्हें ज्यादा फीस देनी पड़ेगी. उनके मुताबिक, "हम चाहते कि छात्रों की फीस बढ़ाने के बजाय सरकारी निवेश किया जाए. लेकिन हो सकता है कि मिले जुले कदम उठाए जाएं जिनमें छात्रों की फीस भी शामिल है."
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया का इमिग्रेशन विभाग कह चुका है कि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 46 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. वहीं दुनिया भर में यह गिरावट 20 प्रतिशत के आसपास है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह