ओहायो ने लगाया आउटसोर्सिंग पर बैन, भारत नाराज
१० सितम्बर २०१०भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि ओहायो के प्रतिबंध का मुद्दा आधारिक ढंग से वॉशिंगटन के सामने उठाया जाएगा. आहायो प्रशासन ने सूचना तकनीक समेत कई दूसरी सरकारी योजनाओं का काम भारत में करवाए जाने पर पाबंदी लगा दी है. इस पर नाराजगी जताते हुए आनंद शर्मा ने कहा, ''यह मुद्दा हमारे एजेंडे में होगा. मैं इस मामले को वहां होने वाले ट्रेड पॉलिसी फोरम में जरूर उठाऊंगा.''
ट्रेड पॉलिसी फोरम की बैठक 21 सितंबर को अमेरिका में होनी है. शर्मा अमेरिकी अधिकारी रोन किर्क के साथ बैठक की अगुआई करेंगे. फोरम की बैठक में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ाने और नई संभावनाएं तलाशने पर चर्चा होगी. लेकिन अब आउटसोर्सिंग का मुद्दा इसमें शामिल हो गया है.
सॉफ्टवेयर और सेवाएं मुहैया कराने वाली भारतीय कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने भी ओहायो प्रशासन के फैसले की आलोचना की है. नैसकॉम ने आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध लगाने को भेदभावपूर्ण करार दिया.
विदेशी कंपनियों को आउटसोर्सिंग की सुविधाएं देने वाली दिग्गज भारतीय कंपनी इंफोसिस ने भी पाबंदी पर चिंता व्यक्त की है. इंफोसिस के मुताबिक चुनावी फायदे को देखते हुए अमेरिका में इस तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं. दुनिया की सबसे बड़ी 500 कंपनियां खर्चे कम करने के लिए अपना काम भारत भेजती हैं. इनमें ज्यादातर अमेरिकी कंपनियां हैं. भारतीय कारोबारियों को चिंता है कि ओहायो के बाद कहीं दूसरे राज्य भी इसी राह पर न चल पड़ें.
नवंबर में भारत आने की तैयारी कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी आउटसोर्सिंग करने वाली कंपनी को टैक्स में रियायत देने से इनकार कर चुके हैं. इस घोषणा की मार भी अमेरिकी कंपनियों और उनके भारतीय साझीदारों पर पड़नी तय मानी जा रही है. हालांकि ओबामा की यात्रा को देखते हुए भारतीय अधिकारियों का कहना है कि वह सिर्फ नाराजगी व्यक्त करेंगे, किसी तरह का झगड़ा नहीं करेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार