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कश्मीर में दखल नहीं देगा अमेरिका

२४ मार्च २०१०

भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे बड़े मुद्दे यानी कश्मीर की समस्या में अमेरिका कोई दखल नहीं देगा. पाकिस्तान के साथ ख़ास बातचीत से पहले अमेरिका ने उसके इस प्रस्ताव को नकार दिया है.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के विशेष अमेरिकी दूत रिचर्ड होलब्रुक ने साफ़ शब्दों में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो द्विपक्षीय मुद्दे हैं, उन्हें ख़ुद उन दोनों देशों को बातचीत से सुलझाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अमेरिका तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकता, जब तक दोनों देश ऐसा न चाहें. पाकिस्तान ने कई बार अमेरिका से अपील की है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाए लेकिन भारत हर बार इसे कड़े शब्दों में ख़ारिज करता आया है.

पाकिस्तान और अमेरिका के बीच अहम बातचीत से पहले जब उनसे भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में पूछा गया, तो होलब्रुक ने कहा कि कश्मीर उनके एजेंडे में नहीं है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच कैबिनेट स्तर की पहली बातचीत दोनों देशों के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकती है.

दूसरी तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि वह अमेरिका के साथ बेहतर रिश्ते बनाने के लिए वॉशिंगटन आए हैं. कुरैशी ने कहा, "हमने पाकिस्तान में काफी विकास किया है और पूरी दुनिया हमारी कुर्बानी देख रही है. हम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. हम ऐसी साझीदारी बनाना चाहते हैं, जो लंबे वक्त तक चले."

अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास में आयोजित भोज में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन के कई सदस्यों ने भी हिस्सा लिया. वहां अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेम्स जोन्स और पाकिस्तान में अमेरिकी दूत अना पीटरसन भी पहुंचीं. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री अहमद मुख्तार, सेना प्रमुख अशफाक परवेज कियानी और वित्त सलाहकार अब्दुल हफीज शेख भी भोज में शामिल हुए.

इससे पहले अमेरिका में पब्लिक अफ़ेयर्स मामलों के उप मंत्री पीजी क्राउले ने कहा कि ओबामा प्रशासन दक्षिण एशिया के सभी देशों को यह समझाने में लगा है कि अमेरिका के साथ और आपसी देशों के बीच अच्छे रिश्तों से ही क्षेत्र का भला हो सकता है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः आभा मोंढे