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काला धन जमा कराने वाले 15 नाम उजागर

५ फ़रवरी २०११

भारत की जानीमानी समाचार पत्रिका तहलका ने स्विस बैंकों में धन जमा कराने वाले 15 लोगों के नाम उजागर किए हैं. भारत सरकार को इन लोगों की सूची दो साल पहले मिली लेकिन अब तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया.

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तस्वीर: bilderbox

स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा काले धन को लेकर भारत में राजनीतिक और कानूनी स्तर पर गर्मागर्मी हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से उन लोगों के नाम जाहिर करने को कहा था जिनकी सूची उसे 2009 में जर्मनी से मिली थी. लेकिन सरकार ने कानूनों और अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला देते हुए ऐसा करने से मना कर दिया. लेकिन पत्रिका तहलका ने इस सूची के 15 नामों को जाहिर कर दिया है. मैग्जीन ने कहा है कि उसके पास दो और नाम हैं जिनकी अभी पुष्टि होनी बाकी है. इनमें से एक नाम बड़े नेता का बताया जा रहा है जबकि दूसरा एक बड़े औद्योगिक घराने के मालिक का.

जर्मनी ने आधिकारिक तौर पर 18 मार्च 2009 को भारत सरकार को यह सूची सौंपी थी. यह सूची जर्मनी के म्यूनिख से 190 किलोमीटर दूर लिष्टेनश्टाइन के बैंक एलजीटी के ग्राहकों की है. तहलका के मुताबिक इसमें 18 नाम हैं जिनमें से 16 उसके पास हैं. पत्रिका ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, "हम 15 नामों को यहां दे रहे हैं. इन नामों में व्यक्तियों के साथ साथ कुछ ट्रस्ट भी शामिल हैं. हम यहां सिर्फ नाम दे रहे हैं और उनके बारे में अन्य जानकारियां जैसे पता और कुल जमा धन नहीं बता रहे हैं."

पत्रिका ने लिखा है कि नाम छापने से पहले उन सभी व्यक्तियों से संपर्क किया गया और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है. जब ये लोग प्रतिक्रिया देंगे तब इनके बारे में पूरी जानकारी प्रकाशित की जाएगी.

तहलका के मुताबिक इस सूची में शामिल तीन ट्रस्ट भारत से बाहर रजिस्टर कराए गए हैं. मैगजीन ने लिखा है कि इन सभी लोगों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस जल्दी जल्दी ही आयकर कानूनों के तहत इन पर कार्रवाई करेगा. इन लोगों के खिलाफ कर चोरी और आय छिपाने के आरोप साबित हो चुके हैं.

रिपोर्टः वी कुमार

संपादनः महेश झा

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