कोरोना वायरस: भारत में तीन दिनों में दुगुने हुए मामले
४ अप्रैल २०२०भारत में नए कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 2902 मामले हो गए हैं और अब तक 68 लोगों की मौत हुई है. 184 लोग अभी तक ठीक भी हो चुके हैं. महाराष्ट्र में 423 मामले हैं और मरने वालों की संख्या 19 है. तमिलनाडु में भी 411 मामलों के साथ स्थिति चिंताजनक हो गई है, हालांकि वहां अभी तक सिर्फ एक मौत हुई है. राजधानी दिल्ली में 386 मामले हो गए हैं, जिनमें मरने वालों की संख्या छह है. केरल में 295 मामले हैं, जिनमें दो मौतें शामिल हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़े तीन दिनों में दुगुने हो गए हैं. इसके पहले मामलों के दोगुना होने में पांच दिन लगे थे. लेकिन पिछले कुछ दिनों में जो वृद्धि देखने को मिली है उसमें दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तब्लीगी जमात के सम्मलेन से फैले संक्रमण का बड़ा हाथ है. सरकार का कहना है कि इस समय पूरे देश में संक्रमण के जितने भी मामले हैं, उनमें से 25 प्रतिशत मामले इसी सम्मलेन से जुड़े हुए हैं. इनकी कुल संख्या 650 से भी ज्यादा है और ये कम से कम 14 राज्यों में फैले हैं.
कई राज्यों में मामलों में अचानक हुई वृद्धि इसी प्रकरण की वजह से है. तमिल नाडु में शुक्रवार तीन अप्रैल को 102 नए मामले आये जिनमें से 100 इसी सम्मलेन से जुड़े थे. तेलांगना में 75 नए मामले आये और सब के सब इस सम्मलेन से ही जुड़े हुए थे. उत्तर प्रदेश में 48 नए मामले आये जिनमें से 40 मामले सम्मलेन से जुड़े हैं.
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद में एक अस्पताल में भर्ती जमात के कुछ सदस्यों के खिलाफ राज्य सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगा दिया है. यह कदम तब लिया गया जब जमात के इन सदस्यों द्वारा कथित रूप से किये गए अभद्र व्यहवार की खबरें आईं.
आयुर्वेद से ठीक हुए प्रिंस चार्ल्स?
इसी बीच इंग्लैंड के प्रिंस चार्ल्स के एक प्रवक्ता ने भारत सरकार के एक मंत्री के उस वक्तव्य का खंडन किया है जिसमें मंत्री ने दावा किया था कि प्रिंस आयुर्वेद की वजह से कोविड-19 से ठीक हुए हैं. आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि उन्हें बताया गया है कि प्रिंस चार्ल्स का आयुर्वेद और होमियोपैथी के जरिये सफल इलाज किया गया है. प्रिंस के एक प्रवक्ता का कहना है कि यह जानकारी गलत है और प्रिंस ने सिर्फ ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस की सलाह ली थी.
वापस लिए जॉब ऑफर
महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर जो असर पड़ रहा है उसकी आंच अब कॉलेजों से पास होने वाले छात्रों तक भी पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि मार्च तक देश के तीन सबसे जाने माने आईआईटी और आईआईएम में करीब 4,000 पास होने वाले छात्रों को नौकरी के ऑफर मिल गए थे. पर कुछ ही दिन पहले अमेरिका की एक कंसल्टेंसी कंपनी ने तीन आईआईटी और एक आईआईएम के 11 छात्रों को दिए हुए जॉब ऑफर वापस ले लिए हैं.
इस प्रकरण की वजह से इन संस्थानों के छात्र और प्रबंधक चिंतित हो गए हैं. सामान्य तौर पर इन संस्थानों में एक बार जॉब ऑफर स्वीकार कर लेने पर छात्रों को दूसरी प्लेसमेंट के लिए बैठने की इजाजत नहीं मिलती है. इसका मतलब जिन छात्रों ने इस अमेरिकी कंपनी का ऑफर ले लिया था उनके पास अब कोई विकल्प भी नहीं है.
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने कंपनियों से अपने जॉब ऑफर वापस ना लेने की अपील की है.
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