क्रोएशिया: छोटा सा देश, बड़ा कारनामा
वर्ल्ड कप फुटबॉल के फाइनल में जगह बना कर छोटा का देश क्रोएशिया पूरी दुनिया की नजरों में चढ़ गया. चलिए जानते हैं क्रोएशिया के बारे में कुछ दिलचस्प बातें.
कहां है क्रोएशिया
क्रोएशिया इटली की बगल में एड्रियाटिक सागर के तट पर बसा एक छोटा सा यूरोपीय देश है. इसका क्षेत्रफल 56,594 वर्ग किलोमीटर है. मतलब आकार में यह भारत के हिमाचल प्रदेश के बराबर है.
आबादी और भाषा
क्रोएशिया की कुल आबादी लगभग 44 लाख है, जिसमें से 91 प्रतिशत लोग ईसाई हैं. लगभग पांच प्रतिशत लोग किसी भी धर्म को नहीं मानते जबकि आबादी में मुसलमानों की संख्या 1.47 प्रतिशत है.
राजधानी
जागरेब क्रोएशिया की राजधानी और देश का सबसे बड़ा शहर भी है. देश के उत्तर पश्चिमी हिस्से में स्थित जागरेब में देश की 20 फीसदी आबादी यानी लगभग आठ लाख लोग रहते हैं.
सैलानियों की मंजिल
क्रोएशिया अपने खूबसूरत बीचों और प्राकृतिक सुंदरता के कारण दुनिया भर के सैलानियों को अपनी तरफ खींचता है. देश की जीडीपी में पर्यटन का 20 फीसदी योगदान है.
द्वीपों का देश
छोटे से देश क्रोएशिया में एक हजार से ज्यादा द्वीप हैं. इनमें से 67 पर लोग रहते हैं. बाकी जगह अनछुई प्राकृतिक सुंदरता बिखरी हुई है. क्रोएशिया की कोस्टलाइन 5,835 किलोमीटर लंबी है.
फुटबॉल
क्रोएशिया में फुटबॉल सबसे लोकप्रिय खेल है. राष्ट्रीय टीम के अलावा देश में बहुत से फुटबॉल क्लब सक्रिय हैं. क्रोएशिया की टीम 1998 के वर्ल्ड कप फुटबॉल में तीसरे स्थान पर रही.
स्टार फुटबॉलर
क्रोएशिया की टीम के कप्तान लुका मोदरिच बड़े फुटबॉल स्टार हैं और वह स्पेन के नामी क्लब बार्सिलोना के लिए भी खेलते हैं. उन्हें दुनिया के बेहतरीन मिडफील्डरों में गिना जाता है.
मजबूत जोड़ी
क्रोएशिया के स्टार मिडफील्डर इवान राकेटिच भी बार्सिलोना के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं. मोदरिच और राकेटिच की जोड़ी अटैकिंग और डिफेंसिव मिडफील्ड का शानदार संगम पेश करती है.
सियासत
1991 में क्रोएशिया ने यूगोस्लाविया से अपनी आजादी की घोषणा की. जनवरी 2015 में कोलिंदा ग्राबर-कितारोविच देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं. आंद्रे प्लेंकोविच फिलहाल क्रोएशिया के प्रधानमंत्री हैं.
ईयू का सदस्य
1 जुलाई 2013 को क्रोएशिया यूरोपीय संघ का 28वां सदस्य बना. हालांकि अभी वह साझा मुद्रा वाले यूरोजोन में शामिल नहीं है. उसकी अपनी मुद्रा का नाम कूना है.
भारत के साथ संबंध
संयुक्त युगोस्लाविया के नेता जोसेप ब्रोज टीटो का जन्म क्रोएशिया में ही हुआ था. गुट निरपेक्ष आंदोलन का पहला सम्मेलन 1961 में बेलग्रेड में हुआ था. टीटो के नाम पर नई दिल्ली में सड़क भी है.