गद्दाफी पर प्रतिबंध के लिए सुरक्षा परिषद की बैठक
२६ फ़रवरी २०११इस बीच लीबिया में फंसे भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने के लिए दो विमान और दो जहाज रवाना हो चुके हैं. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि विमानों में 640 यात्रियों को लाया जा सकता है व अगले दस दिनों तक एअर इंडिया की ओर से हर रोज दो विशेष विमान लीबिया जाएंगे. स्कॉटिया प्रिंस नामक एक यात्री जहाज लीबिया के पूरब में बेनगाजी बंदरगाह में पहुंचने वाला है. इसमें 1200 यात्री आ सकते हैं. इसके अलावा 1600 यात्रियों वाले और एक जहाज चार्टर किया जा रहा है. अनुमान है कि लीबिया में कुल मिलाकर 18 हजार भारतीय नागरिक फंसे हैं.
ट्यूनिशिया के तानाशाह बेन अली व मिस्र के मुबारक के विपरीत मुअम्मर एल गद्दाफी आखिरी दम तक अपना राज बचाने के लिए अड़े दिख रहे हैं. उन्होंने खुल्लमखुल्ला गृहयुद्ध चलाने की घोषणा कर दी है. कल त्रिपोली में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए गद्दाफी ने कहा कि वे विरोधियों के साथ युद्ध के लिए तैयार हो जाएं. जरूरत पड़ने पर अस्त्रों का भंडार खोल दिया जाएगा. देश का पूर्वी हिस्सा गद्दाफी के हाथों से निकल चुका है. यहां सेना के जनरल भी विद्रोहियों के साथ हो गए हैं. बाकी हिस्से में संघर्ष चल रहा है. कहना मुश्किल है कि किस हिस्से में किसका कब्जा है.
गद्दाफी और उनके चार बेटों के खिलाफ प्रतिबंधों की अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा की घोषणा से लीबियाई तानाशाह की स्थिति और जटिल हो गई है. शनिवार को लीबिया पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के लिए सुरक्षा परिषद की बैठक होने जा रही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि देर का मतलब होगा और अधिक लोगों की मौत. माना जा रहा है कि लीबिया में एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जर्मनी की ओर से मांग की जा रही है कि लीबियाई हवाई क्षेत्र में उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि गद्दाफी की वायुसेना विरोधियों पर हमला न कर सके.
इस बीच यमन से खबर आई है कि सुरक्षा बलों की फायरिंग में गोदी नगर अदन में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: एन रंजन