चक्रवाती तूफान अम्फान ने मचाई अरबों डॉलर की तबाही
२२ मई २०२०भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता हवाई अड्डे पहुंचे और वहीं से वायु सेना के हेलीकॉप्टर से उत्तर और दक्षिण 24-परगना जिले के हवाई दौरे पर निकल गए. इस दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उनके साथ थीं. प्रधानमंत्री ने इसके बाद बशीरहाट में मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में तूफान के असर का आकलन किया. उन्होंने पश्चिम बंगाल को तत्काल राहत के तौर पर 10 अरब रुपये देने का एलान किया. इसके अलावा तूफान से मरने वाले लोगों के परिजनों को केंद्र दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देगा.
मोदी ने नुकसान के आकलन के लिए शीघ्र एक केंद्रीय टीम को यहां भेजने का भरोसा दिया. उन्होंने इस विपदा से निपटने में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना करते हुए कहा कि प्राकृतिक मुसीबत की इस घड़ी में केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के साथ खड़ी है. तूफान से बंगाल में मरने वालों की तादाद बढ़ कर 80 तक पहुंच गई है. गुरुवार को ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अम्फान तूफान से हुई तबाही के बाद राज्य का दौरा करने की अपील की थी.
लॉकडाउन के बाद पहला दौरा
बीते मार्च में कोरोना की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री का दिल्ली के बाहर यह पहला दौरा था. मोदी के विमान के यहां पहुंचने से पहले ममता ने पत्रकारों से कहा कि वह प्रधानमंत्री के साथ राजारहाट के अलावा गोसाबा, मिनाखां, संदेशखाली और हिंगलगंज इलाकों के हवाई सर्वेक्षण पर जाएंगी. ममता ने बताया कि राज्य में चक्रवात की चपेट में आने से अभी तक 80 लोगों की जान जा चुकी है. उन्होंने कहा, "स्थिति के सामान्य होने में समय लगेगा. तूफान ने राज्य के सात-आठ जिलों में तबाही मचाई है. यह किसी राष्ट्रीय आपदा से कहीं अधिक है. मैंने अपनी जिंदगी में ऐसी तबाही कभी नहीं देखी. हम लॉकडाउन, कोविड-19 और अब आपदा तीन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं.''
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कठिन समय में पूरा देश बंगाल के तूफान-प्रभावितों के साथ है. अम्फान के चलते हुए नुकसान के विस्तृत आकलन के लिए जल्दी ही एक केंद्रीय टीम राज्य के दौरे पर आएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पुनर्वास और पुनर्निर्माण से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान देगी. हम सब चाहते हैं कि बंगाल आगे बढ़े. प्रधानमंत्री ने कहा कि मई के महीने में देश चुनावों में व्यस्त था और उस समय हमें एक चक्रवात का सामना करना पड़ा था. उसने ओडिशा को नुकसान पहुंचाया था. अब एक साल के बाद इस चक्रवात ने तटीय क्षेत्रों को काफी नुकसान पहुंचाया है. बंगाल के लोग इससे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.
पीएम ने की मुख्यमंत्री की तारीफ
इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे. इनमें से एक में उन्होंने लिखा था, "तूफान अम्फान की वजह से पश्चिम बंगाल में जो तबाही हुई है, मैं उसके दृश्य देख रहा हूं. यह मुश्किल घड़ी है. पूरा देश इस समय पश्चिम बंगाल के साथ एकजुट खड़ा है. मैं प्रदेश के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं. हालात को काबू में लाने के लिए उचित प्रयास किए जा रहे हैं.” प्रधानमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, "इस समय दो चुनौतियां एक साथ आई हैं. एक कोरोना और दूसरी तूफान अम्फान. दोनों से लड़ने का मंत्र बिल्कुल अलग-अलग है. कोरोना में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है और घर से बाहर नहीं निकलना है. लेकिन वहीं तूफान में जितनी जल्दी हो सके सुरक्षित जगहों पर लौटना है. पश्चिम बंगाल इन दोनों चुनौतियों का बखूबी सामना कर रहा है. ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य बखूबी लड़ रहा है. हम संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़े हैं.”
उन्होंने कहा कि बंगाल के इस संकट से शीघ्र उबारने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम करेगी. केंद्र राज्य को हरसंभव सहायता मुहैया कराएगा. मोदी ने कहा, "राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने इस तूफान निपटने की हरसंभव तैयारी की थी. लेकिन बावजूद इसके 80 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी. इस तूफान की वजह से काफी संपत्ति का नुकसान हुआ है. हजारों घर उजड़े हैं और आधारभूत ढांचे को भारी बड़ा नुकसान हुआ है.” बंगाल के बाद प्रधानमंत्री ने ओड़िशा के अम्फान-प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और उसके बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और दूसरे अधिकारियों के साथ बैठक की.
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