चीन का तीसरा विमानवाहक युद्धपोतः फुजियान
चीन ने अपना तीसरा विमानवाहक युद्धपोत परीक्षणों के लिए पानी में उतार दिया है. प्रशांत महासागर और उसके आगे के समुद्री इलाके में चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है. इस युद्धपोत से चीन की नौसेना की क्षमता काफी ज्यादा बढ़ जाएगी.
विमानवाहक युद्धपोत फुजियान
बुधवार को चीन ने शंघाई के जियांगनान शिपयार्ड से विमानवाहक युद्धपोत फुजियान को परीक्षणों के लिए पानी में उतारा. शुरुआती परीक्षणों में इसके भरोसे, स्थिरता, प्रोपल्शन और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को परखा जाएगा.
टाइप 003 का विमानवाहक युद्धपोत
टाइप 003 क्लास का फुजियान चीन का तीसरा विमानवाहक युद्धपोत है. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इसकी लंबाई 316 मीटर है. इसकी तुलना अमेरिका के किटी हॉक क्लास के विमानवाहक युद्धपोतों से की जाती है.
कितना ताकतवर है फुजियान
करीब 1 लाख टन के डिस्प्लेसमेंट की क्षमता वाले इस युद्धपोत में तीन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटपुल्ट हैं, जो विमानों के टेकऑफ में इस्तेमाल होते हैं. चीन ने पहली बार इस तकनीक से लैस युद्धपोत बनाया है. युद्धपोत को चलाने के लिए 8 बॉयलर और चार शाफ्ट करीब 2,20,000 हॉर्सपावर की क्षमता मुहैया कराएंगे.
क्या कुछ होगा फुजियान पर
चीन की नौसेना इस युद्धपोत पर 50 से ज्यादा विमानों को तैनात करेगी जो अलग अलग तरह के होंगे. ये सभी विमान चीन ने ही बनाए हैं. युद्धपोत को एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के अलावा कई और तरह के सुरक्षा उपकरणों से लैस करने की बात कही जा रही है. कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने इसे अमेरिका के बाहर बना सबसे उन्नत विमानवाहक युद्धपोत बताया है.
शानडोंग
शानडोंग चीन का दूसरा लेकिन खुद का बनाया पहला विमानवाहक युद्धपोत है. इसे दिसंबर 2019 में चीन की नौसेना में शामिल किया गया. इसका परीक्षण 2018 में शुरू हुआ था. पहले इसे 001 टाइप का बताया गया लेकिन बाद में पता चला कि यह 002 टाइप का है.
कितना ताकतवर है शानडोंग
36 विमानों और हैलीकॉप्टरों से लैस यह युद्धपोत करीब 305 मीटर लंबा है और पूरी तरह से लोड होने पर 70,000 टन वजन लेकर चल सकता है. पारंपरिक स्टीम टरबाइन इंजन के सहारे यह 31 नॉटिकल मील की गति से चलता है. चीन ने इसे ताइवान के करीब तैनात कर रखा है. 2023 में इसने ताइवान के करीब एक सैन्य अभ्यास में भी हिस्सा लिया.
लियाओनिंग
लियाओनिंग चीन का पहला विमानवाहक युद्धपोत है जो 001 टाइप का है. इसे पहले ट्रेनिंग शिप कहा गया था जिसके सहारे चीन की नौसेना विमानवाहक युद्धपोत को ऑपरेट करने के लिए तैयार हुई. 2018 में इसे अपग्रेड कर नए सिरे से अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद 2019 में चीन ने इसे नौसेना के युद्धक अभियान का हिस्सा बना दिया.
लियाओनिंग की क्षमता
करीब 60,000 टन की क्षमता वाले इस विमानवाहक युद्धपोत कुल मिला कर 40 विमान और हेलीकॉप्टर तैनात रहते हैं. 1960 क्रू सदस्यों के साथ यह अधिकतम 45 दिन तक बिना किनारों पर आए सफर कर सकता है. इसकी लंबाई 306 मीटर है.