चीन की अर्थव्यवस्था ने तीसरी तिमाही में पकड़ी रफ्तार
१९ अक्टूबर २०२०चीन के उपभोक्ताओं का भरोसा वापस आया है और इसका असर अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में दिख रहा है. हालांकि अब भी यह आधिकारियों के पूर्वानुमान की तुलना में कम है. कई प्रमुख बाजारों पर महामारी का प्रकोप बना हुआ है इसलिए जैसी वापसी का अनुमान जताया गया था वैसा नतीजा नहीं निकला है. चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स का कहना है, "अंतरराष्ट्रीय वातावरण अब भी जटिल है." वायरस से लड़ने के लिए चीन के प्रमुख शहरों में तालाबंदी कर दी गई थी. इसकी वजह से साल के पहले तीन महीनों में चीन की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व सिकुड़न देखी गई. हालांकि कड़े उपायों के जरिए जब चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक लगा दी तो बाद के छह महीनों में अर्थव्यवस्था ने मजबूत वापसी की है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि इस साल बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में चीन अकेला प्रमुख देश हो सकता है. तीसरी तिमाही में चीन का विकास दर 4.9 फीसदी रहा जबकि इससे पहले की तिमाही में यह 3.2 फीसदी था. कुल मिला कर अब यह महामारी से पहले वाले स्तर पर पहुंच गया है. चीन के खुदरा व्यापार में पूर्वानुमानों से ज्यादा 3.3 फीसदी की वृद्धि हुई है और अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रमुख वजह इसी को बताया जा रहा है. चीन के लोग दुकानों और रेस्तरांओं में लौटने लगे हैं, सैलानियों ने भी सफर शुरू कर दिए हैं. सितंबर में इंडस्ट्रियल आउटपुट भी साल दर साल के हिसाब से 6.9 फीसदी बढ़ गया.
चीन की सरकार ने वायरस से निपटने के उपायों, लाखों लोगों को प्रायोगिक वैक्सीन देने जैसे कदमों को इसका श्रेय दिया है. हालांकि अर्थव्यवस्था की मजबूती के बावजूद नौकरियों की कमी और वायरस के दोबारा उभार को लेकर देश में आशंकाएं बनी हुई हैं. चीनी अर्थशास्त्री लु तिंग का कहना है, "चीन ने तुरंत वापसी, कठोर लॉकडाउन, भारी संख्या में टेस्ट, आबादी की निगरानी और आर्थिक पैकेजों से हासिल किया है. चीन अभी पूरी तरह से कोविड-19 की वापसी के जोखिम से बाहर नहीं है और चीन अमेरिका का बढ़ता तनाव भी चीन के निर्यात और उत्पादन निवेश में सेंध लगा सकता है."
सितंबर में चीन की शहरी बेरोजगारी की दर में 5.4 फीसदी की कमी आई है. इसी महीने साल में पहली बार अचल संपत्ति में निवेश पॉजिटिव हुआ है. आंकड़े जारी होने के बाद एशियाई शेयर बाजारों में तेजी का रुख रहा. जापान के निक्केई सूचकांक में 225 अंकों यानी करीब एक फीसदी की बढ़त दर्ज की गई जबकि हांगकांग का हांग सेंग 0.9 फीसदी बढ़ा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.2 फीसदी. भारत और दक्षिण एशिया के दूसरे बाजारों में भी तेजी का रुख देखा गया. इस बीच अमेरिका में अर्थव्यवस्था के लिए राहत पैकेज को लेकर बाजारों में उत्सुकता बनी हुई है.
एनआर/एमजे (एएफपी)
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