जर्मनी में परेड में भगदड़ः 19 की मौत
२५ जुलाई २०१०सुरंग के पास नियंत्रण से ज्यादा भीड़ जमा हो गई और इसके बाद अचानक वहां भगदड़ मच गई. लोग एक दूसरे को रौंदते हुए भागने की कोशिश करने लगे और इसी में कम से कम 19 लोगों की जान चली गई. इस परेड में आम तौर पर युवा लोग शामिल होते हैं. हादसा शनिवार शाम लगभग पांच बजे हुआ.
इस बार के परेड में लगभग 14 लाख लोगों ने हिस्सा लिया और हादसे के बाद भी इसे रद्द नहीं किया गया क्योंकि प्रशासन को इस बात का खतरा था कि इसकी वजह से लोगों में फिर दहशत फैल सकती है और दोबारा कुछ अप्रिय हो सकता है. इस समारोह में हिस्सा लेने आई 18 साल की इसाबेल श्लोसर ने कहा, "वहां कई घायल जमीन पर पड़े हुए थे, कुछ को मदद के लिए ले जाया गया लेकिन कई की जान जा चुकी थी. उनके शरीर पर चादर ओढ़ा दी गई थी. यह एक भरी दोपहर थी. हर कोई इस परेड में शामिल होना चाहता था."
हादसे के तीन घंटे बाद भी इस जगह पर संगीत के बीच लोगों को नाचते गाते देखा जा सकता था. अधिकारियों ने बताया कि मौसम बहुत अच्छा था और लोग यूरोप के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक संगीत के मेले में हिस्सा लेने आए थे. इसकी वजह से राहत के काम में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. आम तौर पर इसमें 18 साल से 25 साल के युवा शामिल होते हैं.
जर्मनी के जेडडीएफ टेलीविजन ने रिपोर्ट दी कि वहां भयावह स्थिति बनी हुई थी क्योंकि राहतकर्मी घायलों तक पहुंच ही नहीं पा रहे थे. लोग एक दूसरे पर लगभग सवार होते हुए इस सुरंग के पास जाना चाह रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक स्थिति और न बिगड़े, इसे ध्यान में रखते हुए परेड को रद्द नहीं किया गया और लोगों से चुपचाप जाने के लिए कहा गया.
लव परेड में हिस्सा लेने आए एक शख्स के मुताबिक भागने की कोई जगह ही नहीं थी. उसने कहा, "लोग दीवारों से सटे थे. मुझे डर लग रहा था कि मैं मर जाऊंगा." वहां से किसी तरह बच कर निकली एक महिला का कहना है, "मैं किस्मत वाली थी. मुझे एक जगह मिल गई, जहां से मैं भाग पाई. लेकिन मेरी आंखों के सामने दो महिलाओं की जान चली गई."
एक तरह भीड़ में हादसा हो गया था और इसी भीड़ के दूसरे हिस्से में लोग इससे अनजान नाच गाने में लगे थे. पुलिस के मुताबिक हादसे में नौ महिलाएं और छह पुरुषों की जान गई है. ड्यूसबर्ग शहर के दमकल विभाग का कहना है कि भगदड़ के बाद कम से कम 80 लोग घायल हो गए हैं. इनमें से बहुतों की हालत नाजुक है लेकिन उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है.
हादसे की खबर मिलते ही एंबुलेंस वहां पहुंच गई और लोगों को फर्स्ट एड दिया जाने लगा. टेलीविजनों पर इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हो रहा था और वीडियो में देखा जा सकता था कि हादसे के बाद भी वहां संगीत चल रहा था. लोग नाच गा रहे थे. संगीत इतना तेज था कि कई लोगों के मोबाइल फोन काम नहीं कर रहे थे.
दमकल विभाग का कहना है कि लोगों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि राहतकर्मी वहां तक पहुंच ही नहीं पा रहे थे. इस परेड के दौरान लोग अटपटी पोशाकें पहन कर आते हैं. मस्ती और सुरूर में डूबे लोग कई बार नियमों के साथ खिलवाड़ भी करते हैं. चश्मदीदों का कहना है कि ड्यूसबर्ग में भी लोगों ने ट्रेनों की पटरियों को घेर लिया था और एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों के लिए जगह नहीं दे रहे थे.
इसी तरह की परेड ज्यूरिख, सैन फ्रांसिस्को, मेक्सिको सिटी, अकापुलको, वियाना, केपटाउन, तेल अवीव, सिडनी, सैनटियागो, रियो द जनेरो, ओस्लो और बुडापेस्ट में भी होती है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः वी कुमार