जापान और लीबिया पर जी-8 में चर्चा
१४ मार्च २०११इस बैठक में पहले लीबिया की स्थिति पर चर्चा होनी थी लेकिन जापान में आए भयानक भूकंप और परमाणु बिजली घर में हुई दुर्घटना के बाद जापान की सहायता का मुद्दा प्रमुख मुद्दा बन गया है. जापान के विदेश मंत्री ताकेयाकी मात्सुमोतो ने बैठक में आने से अभी तक मना नहीं किया है.
विदेश मंत्रियों की बैठक में लीबिया में उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र बनाने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी, जिसकी संभावना अरब लीग के समर्थन के बाद बढ़ती जा रही है. उधर लीबिया में तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी की सेना लगातार पूरब में विद्रोहियों के गढ़ की ओर बढ़ रही है. विद्रोहियों का प्रतिरोध भी लगातार कम होता जा रहा है. वे उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र बनाने की मांग कर रहे हैं. सप्ताहांत में अरब लीग ने उनकी मांग की समर्थन कर दिया. अंतिम फैसला सुरक्षा परिषद को करना होगा.
लीबिया के सरकारी टेलीविजन ने रविवार को महत्वपूर्ण शहर ब्रेगा पर फिर से कब्जे की घोषणा की. विद्रोहियों ने भी इस खबर की पुष्टि की है. लीबियाई टेलीविजन ने कहा, "ब्रेगा को हथियारबंद गुटों के हाथ से छुड़ा लिया गया है." एक विद्रोही नेता ने रॉयटर्स से कहा कि सरकारी सैनिकों का कोई प्रतिरोध नहीं हो रहा है, "कल रास लानुफ, फिर ब्रेगा और कल वे बेंगाजी में होंगे."
तेल के कारोबार के लिए महत्वपूर्ण शहरों ब्रोगा और रास लानुफ की क्षति के बाद विद्रोहियों के लिए ईंधन की आपूर्ति की मुश्किलों भी पैदा हो जाएंगी. रविवार को सरकारी सैनिकों ने मिसराता पर भी हमला किया लेकिन विद्रोहियों का कहना है कि हमले को विफल कर दिया गया. सरकारी सैनिकों के बीच भी झगड़े की खबर है. लेकिन गद्दाफी सरकार ने एक जनरल और टुकड़ियों के विपक्ष के साथ मिल जाने की खबर का खंडन किया है. विपक्ष का कहना है कि कुछ टुकड़ियों द्वारा मिसराता पर हमला करने से इनकार के बाद सरकारी सैनिकों के बीच आपस में लड़ाई शुरू हो गई.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ओ सिंह