तुर्की में राष्ट्रपति के दामाद ने क्यों छोड़ा मंत्री पद?
९ नवम्बर २०२०बेरात अलबायराक ने रविवार को जब अपना पद छोड़ा तो इसका आधार स्वास्थ्य कारणों को बताया. उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "लगभग पांच साल तक मंत्री पद पर रहने के बाद, मैंने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से हटने से फैसला किया है." उनका कहना है कि वह अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं जिसकी अब तक वह उनके मुताबिक "अनदेखी" कर रहे थे.
राजनीति में आने से पहले अलबायराक ने चालिक होल्डिंग कंपनी के लिए काम किया. वह 2007 में इसके सीईओ बने. लेकिन 2015 में उन्होंने एर्दोआन की जस्टिस एंड डेवेलपमेंट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और संसद के लिए चुने गए. सरकार बनने पर उन्हें ऊर्जा मंत्री बनाया गया. लेकिन 2018 में उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. बहुत से विश्लेषकों ने सोचा था कि 42 साल के अलबायराक को एर्दोआन का उत्तराधिकारी बनने के लिए तैयार किया जा रहा है.
यह अभी साफ नहीं है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं. इस साल की शुरुआत में तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोएलू ने भी इस्ताफा देने की कोशिश की, लेकिन एर्दोआन ने इसे स्वीकार नहीं किया और वह पद पर बने हुए हैं.
तुर्की की केंद्रीय बैंक के गवर्नर मुरात उइसाल को बर्खास्त करने के राष्ट्रपति एर्दोआन के फैसले के एक दिन बाद अलबायराक ने इस्तीफा दिया है. पूर्व वित्त मंत्री नाची अगबाल को नया गवर्नर नियुक्त किया गया है.
बदहाली का जिम्मेदार कौन?
तुर्की की अर्थव्यवस्था इस समय खराब दौर से गुजर रही है. जानकार कहते हैं कि ज्यादा फेरबदल से उसे मदद मिलने की उम्मीद नहीं है. तुर्की की मुद्रा लीरा शुक्रवार को एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8.48 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई. देश की सालाना मुद्रास्फीति दर भी 11.8 प्रतिशत है. अलबायराक तुर्की की अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत के लिए अक्सर विदेशी ताकतों को जिम्मेदार ठहराते रहते हैं.
एर्दोआन की सत्ताधारी एके पार्टी के एक नेता का कहना है कि केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर अगबाल के सामने "मुश्किल परीक्षा" है, लेकिन वह एक मजबूत नाम हैं, जो लीरा पर दबाव को कम करने में मदद कर सकते हैं. एके पार्टी के नेता ने कहा, "केंद्रीय बैंक की कमान एक मजबूत गवर्नर के हाथ में होगी. वह समझदारी से काम करेंगे."
अर्थशास्त्री एरिक मायरसन कहते हैं कि उइसाल ने तुर्की में अर्थव्यवस्था की सारी मुश्किलों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है, लेकिन ऐसे हालात राष्ट्रपति एर्दोआन की वजह से पैदा हुए हैं, क्योंकि उन्होंने "केंद्रीय बैंक के गवर्नर के हाथ बांध रखे हैं और वह कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होता." विपक्षी पार्टियों ने उइसाल को गवर्नर पद से हटाने के फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि इससे केंद्रीय बैंक पर एर्दोवान का असर और मजबूत होगा और बैंक राजनीति का अखाड़ा बन रहा है.
कभी एर्दोवान की सरकार में मंत्री रहे और इस समय देवा पार्टी नाम के राजनीतिक दल के प्रमुख अली बाकाबान कहते हैं, "आधी रात को केंद्रीय बैंक के गवर्नर को हटा देना और उसकी जगह किसी और को बिठा देना सिर्फ लचर प्रबंधन को दर्शाता है. आप एक नौकरशाह को हटाकर अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते क्योंकि उसने तो वही किया जो आप उससे करने को कह रहे थे."
एके/एमजे (एएफपी, एपी)
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