दस साल में दस लाख इलैक्ट्रिक कारें
२० अगस्त २००९जर्मन मंत्रिमंडल ने बुधवार को इलैक्ट्रिक कारों से जुड़ी योजना को हरी झंडी दिखा दी, जिसके मुताबिक़, "जर्मन सरकार का लक्ष्य है कि 2020 तक जर्मनी की सड़कों पर दस लाख इलैक्ट्रिक कारें दौड़ती दिखें. 2030 तक इन कारों की संख्या 50 लाख करने का इरादा है, जबकि 2050 तक कोशिश होगी कि शहरों में चलने वाली ज़्यादातर गाड़ियों में डीज़ल और पेट्रोल का इस्तेमाल न हो."
जर्मन सरकार इस क्षेत्र में होने वाली रिसर्च में भी मदद देगी, ताकि जर्मन कंपनियां इस मामले में ख़ासी आगे चल रही एशिया कंपनियों को टक्कर दे सकें. जर्मनी के परिवहन मंत्रि वॉल्फ़गांग तीफ़ेनसी ने बताया, "हमें पूरा विश्वास है कि अमेरिका और एशिया से मुक़ाबला करने के लिए हम जर्मन में बेहतर माहौल मुहैया करा सकते हैं. हम जल्द से जल्द बिजली से चलने वाली गाड़ियों को आम ज़िंदगी का हिस्सा बनाना चाहते हैं."
पर्यावरणविदों ने कहा है कि इलैक्ट्रिक कार ख़रीदने के लिए सरकार हर ग्राहक को पांच हज़ार यूरो की सरकारी सहायता दे. ग्रीन पार्टी की संसदीय नेता रेनाटे क्यूनास्ट ने कहा, "सरकार पुरानी तकनीक को बेचने के लिए सब्सिडी देती है, लेकिन उसने इलैक्ट्रिक कार की नई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए ऐसी कोई योजना नहीं पेश की है."
उधर जर्मनी में कार चालकों के संघ ने सरकारी योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि इलैक्ट्रिक कारों से पर्यावरण की रक्षा नहीं होगी. संघ की तरफ़ से जारी बयान के मुताबिक़ सरकार 2020 तक दस लाख इलैक्ट्रिक कार लाने की योजना बना रही है, लेकिन लेकिन जब पांच करोड़ पेट्रोल से चलने वाली कारें होंगी तो पर्यावरण की रक्षा कैसे की जा सकती है.
वहीं सूचना तकनीक, दूर संचार और नए मीडिया से जुड़े जर्मनी के संघ ने इलैक्ट्रिक कारों की योजना का स्वागत किया है और इसे सड़क परिवहन को सुधारने की दिशा में "एक मील का पत्थर" बताया है. वहीं लग्ज़री कार बनाने वाली जर्मन कंपनी बीएमडब्लयू ने इलैक्ट्रिक कारों के लिए कार के पुर्ज़े सप्लाई करने वाली कंपनी बॉश और विशेष बैटरियों के लिए कोरियाई कंपनी सैमसंग से समझौता किया है. वहीं जर्मन कार कंपनी फ़ॉल्क्सवागन के प्रमुख ने कहा है कि 2013 तक उनकी पहली इलैक्ट्रिक कार बाज़ार में आ जाएगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एम गोपालकृष्णन