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"धमाके नहीं रोकेंगे इराक़ में लोकतंत्र की राह"

१८ अगस्त २०१०

मंगलवार को बम धमाके में 58 लोगों की मौत के बाद अमेरिका ने कहा है कि ऐसे धमाके इराक़ में लोकतंत्र का रास्ता नहीं रोक पाएंगे. फौज के भर्ती केंद्र के बाहर हुए इस बड़े धमाके में 130 लोग ज़ख़्मी भी हुए हैं.

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सड़कों पर अमन की कोशिशतस्वीर: AP

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता बिल बर्टन ने कहा कि ओबामा प्रशासन इस बात पर अडिग है कि अब इराक़ से अमेरिकी फौजों को वापस चले आना चाहिए. बर्टन ने कहा," ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो लोकतंत्र की तरफ बढ़ रहे इराक़ी जनता के कदमों को रोकना चाहते हैं लेकिन लोकतंत्र सही रास्ते पर है हमें भरोसा है कि बहुत जल्द अमेरिकी फौज का मिशन पूरा हो जाएगा."

इराक़ में अपना कार्यकाल पूरा कर लौट रहे अमेरिकी राजदूत क्रिस्टोफर हिल ने कहा कि इराक़ में पिछले साल हिंसा में कमी आई है और यह स्थायित्व की तरफ बढ़ रहा है. हालांकि उन्होंने ये भी माना कि देश में सरकार नहीं है और अभी तक बम धमाके हो रहे हैं. हिल का कार्यकाल पिछले हफ्ते ही पूरा हुआ है और वो मानते हैं कि इराक सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. ओबामा प्रशासन को भरोसा है कि जल्दी ही देश में सरकार का गठन हो जाएगा.

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बम धमाकों में नहीं आई कमीतस्वीर: AP

मंगलवार को हुआ बम धमाका हाल के दिनों में सबसे बड़ा धमाका था. मरने वालों में ज्यादातर युवा थे और फौज में भर्ती होने के लिए आए थे. हमला सरकार बनाने की कोशिश में जुटी इराक़िया अलायंस और शियाओं के नेतृत्व वाली प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी की पार्टी स्टेट ऑफ लॉ के बीच बातचीत टूटने के ठीक एक दिन बाद ही ये हमला हुआ.

इराक़ में पिछले पांच महीनों से सरकार बनाने को लेकर गतिरोध बना हुआ है. मार्च में हुए चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. इन चुनावों में इराक़िया अलाएंस सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरी जबकि नूरी अल मलिकी की पार्टी दूसरे नंबर पर चली गई.

व्हाइट हाउस राजनीतिक पार्टियों के गतिरोध को भी सरकार बनाने की दिशा में सही कदम के रूप में देखता है. अमेरिकी सरकार का कहना है कि ये अच्छी बात है कि सरकार बनाने के लिए इतने लोग सामने आ रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए जमाल