न्यू होराइजन्स ने भेजी प्लूटो की पहली तस्वीरें
नौ साल से नासा का अंतरिक्ष यान 'न्यू होराइजन्स' सौर मंडल में घूम रहा है. अब उसने अपनी मंजिल, सूरज से सबसे दूर स्थित ग्रह प्लूटो के करीब पहुंच कर वहां से तस्वीरें भेजी हैं.
हाई रेजोल्यूशन में
प्लूटो से धरती तक सभी तस्वीरों को पहुंचने में एक साल से ज्यादा का वक्त लग सकता है. दूरी तो एक कारण है ही, साथ ही प्लूटो को समझने के लिए तस्वीरें हाई रेजोल्यूशन में भेजी जाएंगी, जिसमें भी काफी वक्त लग सकता है.
वीडियो जारी
नासा इन तस्वीरों की जांच करेगा और फिर प्लूटो के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगा. फिलहाल नासा ने अपनी वेबसाइट पर एक छह सेकंड का वीडियो जारी किया है, जिसमें से ये तस्वीरें निकाली गयी हैं.
हैरतअंगेज
नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार शुरुआती तस्वीरों से पता चलता है कि प्लूटो और उसके उपग्रह शैरोन पर कई पहाड़ और खाईयां हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि तस्वीरें हैरान कर देने वाली हैं और वे अभी इन संरचनाओं के बनने की वजहों से अनजान हैं.
पहली तस्वीर
यह नासा के अंतरिक्ष यान 'न्यू होराइजन्स' द्वारा भेजी गयी प्लूटो की पहली तस्वीर है. आने वाले दिनों में जैसे जैसे यान प्लूटो के और करीब जाएगा, बेहतर तस्वीरें मिलने लगेंगी.
बेहद करीब
14 जुलाई को अंतरिक्ष यान प्लूटो से महज 12,000 किलोमीटर की दूरी पर होगा. इस पल का अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को लंबे समय से इंतजार था. सुनने में यह दूरी बहुत ज्यादा लगती है लेकिन चांद और धरती के बीच इसके तीस गुना ज्यादा दूरी है.
कभी ग्रह था प्लूटो
2006 में 'न्यू होराइजन्स' के प्रक्षेपण के कुछ महीने बाद ही प्लूटो से ग्रह का रुतबा छीन लिया गया. सौर मंडल में कई ग्रहों के मिलने के कारण इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने ग्रहों की नई परिभाषा जारी की. कक्षा के अंडाकार होने के कारण प्लूटो को ड्वॉर्फ प्लैनेट की श्रेणी में रखा गया.
सौर मंडल
सूरज के सबसे करीब हैं बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल. इसके बाद है एक ड्वॉर्फ प्लैनेट सीरीस. फिर हैं बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून. इसके बाद दिखाई पड़ते हैं दो छोटे बिंदु जो हैं 2,310 व्यास वाला प्लूटो और उसका उपग्रह शैरोन.
प्लूटो के उपग्रह
चांद से विपरीत प्लूटो के सभी उपग्रह गोल नहीं हैं. प्लूटो के कुल पांच उपग्रह हैं. जनवरी और फरवरी में अंतरिक्ष यान ने शैरोन, निक्स और हाइड्रा की तस्वीरें लीं और फिर अप्रैल में केरेबरोस की. अब स्टिंक्स की बारी है.
मशीनों से लैस
'न्यू होराइजन्स' में तीन ऑप्टिकल इंस्ट्रूमेंट लगे हैं जो विस्तृत तस्वीरें ले सकते हैं. दो प्लाज्मा स्पेक्ट्रोमीटर हैं, डस्ट सेंसर और रेडियोमीटर. 8.6 किलो के लॉरी नाम के डिजिटल कैमरे में 5.6 किलो का टेलिस्कोप लगा है.
रफ्तार का रिकॉर्ड
'न्यू होराइजन्स' को 19 जनवरी 2006 को अमेरिका के फ्लोरिडा के एयरफोर्स स्टेशन से लॉन्च किया गया. एटलस5 रॉकेट पर सवार इस यान को अंतरिक्ष की कक्षा में पहुंचाने के लिए 58,000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार की जरूरत थी. इसके साथ ही एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित हुआ.
यान का रास्ता
अपने रास्ते में 'न्यू होराइजन्स' एपीएल 132524 नाम के क्षुदग्रह और बृहस्पति ग्रह के करीब से गुजरा और उनकी भी तस्वीरें लीं. यान ने बृहस्पति के वायुमंडल, चुंबकीय क्षेत्र और उपग्रहों की जानकारी जमा की.
और तस्वीरों का इंतजार
तकनीकी खराबी के कारण 'न्यू होराइजन्स' कुछ समय के लिए अंतरिक्ष की तस्वीरें नहीं भेज पा रहा था. लेकिन नासा के वैज्ञानिकों ने समस्या का समाधान निकाल लिया है और अब उन्हें इंतजार है प्लूटो की ताजा तस्वीरों का.