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पहली बार ओलंपिक में सऊदी महिलायें

१२ जुलाई २०१२

सऊदी अरब की महिला खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेंगी. कट्टर धार्मिक देश ने दो ही महिला खिलाड़ियों को लंदन ओलंपिक्स में जाने की अनुमति दी है. इसे एक शुरूआत की तरह देखा जा रहा है.

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सऊदी अरब की घुड़सवार दलमा रुश्दी एच मालहासतस्वीर: picture-alliance/dpa

27 जुलाई से 12 अगस्त होने वाले लंदन ओलंपिक्स में सऊदी अरब की सारा अतर 800 मीटर की दौड़ लगाएंगी. वोदजान अली सेराज अब्दुलरहीम शाहरखानी जूडो फाइट करेंगी. गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने दोनों को लंदन आने का न्योता दिया.

पहली बार सऊदी अरब की महिलाओं के ओलंपिक में आने पर खुशी जताते हुए आईओसी अध्यक्ष जाक रॉगे ने कहा, "यह काफी सकारात्मक खबर है और हम कुछ हफ्तों के भीतर इन एथलीटों का लंदन में स्वागत करने के लिए तैयार हैं. आईओसी सऊदी अरब ओलंपिक समिति के साथ मिलकर काम कर रही है."

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अधिकारियों को उम्मीद है कि 2016 के रियो ओलंपिक में सऊदी अरब से और ज्यादा महिलाएं आएंगी. इसका असर खाड़ी अन्य देशों पर भी पड़ेगा. जाक रॉगे ने कहा, "मुझे बहुत खुशी हो रही है कि हमारी बातचीत फलदायी रही."

2008 में बीजिंग ओलंपिक में सऊदी अरब, ब्रूनेई और कतर की तरफ से सिर्फ पुरुष एथलीट गए. इस बार ब्रूनेई और कतर ने महिलाओं को लंदन ओलंपिक में भेजा है.

सऊदी अरब से 203 खिलाड़ियों का दल लंदन आ रहा है. इस दल में शाहरखानी और अतर की उपस्थिति का मतलब है कि खाड़ी के देशों में महिलाओं को कुछ नए अधिकार मिलना. सऊदी अरब में महिलाओं को अब भी बहुत कम अधिकार हैं. सऊदी अरब में बीते दो साल से महिलाएं गाड़ी चलाने का लाइसेंस पाने के लिए लड़ रही है. लेकिन उन्हें लाइसेंस का अधिकार तक नहीं दिया जा रहा है. कुछ महिलाओं ने चुनौती देते हुए जब गाड़ी चलाई तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

ओएसजे/एमजे (डीपीए)

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