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पाकिस्तानी अखबारों ने माफी मांगी

१० दिसम्बर २०१०

पाकिस्तान के कई प्रमुख अखबारों ने माना है कि उन्होंने विकीलीक्स के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खबरें छापीं. इन खबरों में भारत विरोधी बातें कही गई थीं. अखबारों ने आज माफीनामे छापे हैं.

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तस्वीर: AP

गुरुवार को पाकिस्तान के कई अखबारों ने खबर छापी थी कि अमेरिका ने एक संदेश में "कश्मीर में भारतीय दमन को बोस्निया जैसा नरसंहार" बताया था. इन खबरों का आधार विकीलीक्स द्वारा जारी खुफिया दस्तावेजों को बताया गया था. लेकिन बाद में पता चला कि विकीलीक्स की ओर से जारी दस्तावेजों में ऐसी कोई बात नहीं कही गई है. ये बातें इंटरनेट पर उड़ी अफवाह मात्र थीं जो किसी भारत विरोधी वेबसाइट ने उड़ाई थी.

ऐसी खबर छापने के लिए पाकिस्तानी अखबार द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून ने शुक्रवार को माफीनामा छापा है. द न्यूज ने लिखा है कि अपने पहले पन्ने पर छापी खबर को वह वापस लेता है. बाकी अखबारों ने भी लिखा है कि ये खबरें असल में अफवाहें थीं.

गुरुवार को द न्यूज ने लिखा था कि विकीलीक्स के दस्तावेजों से पता चला है कि भारतीय जासूस पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी कबायली इलाकों में इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. नेशन, नवाए वक्त और जंग से जैसे बड़े अखबारों ने भी इसी तरह की खबरें छापी थीं.

द न्यूज ने लिखा कि अमेरिकी राजनयिक भारतीय जनरल दीपक कपूर नाकाबिल लड़ाकू लीडर मानते हैं और सनकी समझते हैं. एक अन्य विकीलीक्स संदेश के हवाले से अखबार ने लिखा कि दीपक कपूर और मौजूदा भारतीय जनरल वीके सिंह के बीच मतभेद हैं जिसकी वजह से सेना दो हिस्सों में बंट गई है.

शुक्रवाक को द न्यूज ने लिखा, "जांच के बाद हमें अपने सूत्रों से पता चला है कि यह खबर गलत है और ऐसा लगता है कि जानबूझ कर जारी की गई."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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