पाकिस्तानी सेना की सफाई, सरकार से मतभेद नहीं
४ दिसम्बर २०१०पाकिस्तानी सेना का कहना है कि वह संविधान के दायरे में रहते हुए पाकिस्तान की सरकार का पूरी तरह समर्थन करती है और सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और विपक्ष के नेता नवाज शरीफ की बहुत इज्जत करते हैं.
विकीलीक्स के केबल संदेश लीक होने के बाद मीडिया में रिपोर्टें आईं कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कयानी ने एक बार राष्ट्रपति जरदारी को पद से हटाने की कोशिश की और वे नवाज शरीफ को बेहद नापसंद करते हैं. इसके बाद सफाई देते हुए सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ने कहा, "पाकिस्तान की सेना देश के संविधान के तहत राजनितिक व्यवस्था का पूरी तरह समर्थन करती है और जनरल अशफाक परवेज कयानी सभी राजनीतिक नेताओं का सम्मान करते हैं."
लीक हुए केबल संदेशों में इस बात का जिक्र था कि जनरल कयानी किस तरह देश के दो सबसे बड़े नेताओं राष्ट्रपति जरदारी और विपक्ष के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से नफरत करते हैं. एक केबल संदेश में इस बात का जिक्र है कि कयानी ने पिछले साल राष्ट्रपति पर पद छोड़ने का दबाव बनाया. जरदारी 2007 में इमरजेंसी के दौरान बर्खास्त किए गए जजों को दोबारा बहाल करने के मुद्दे पर फंस गए थे और कयानी इसका फायदा उठाना चाहते थे.
संदेशों में इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में अमेरिका के दूत एने पैटरसन के साथ बातचीत में कम से कम चार बार कयानी ने इस बात का जिक्र किया कि अगर परिस्थितियां बहुत बिगड़ती हैं, तो राष्ट्रपति जरदारी को सत्ता से हटाना होगा. पैटरसन ने अपने संदेश में यह भी लिखा कि कयानी राष्ट्रपति जरदारी से चाहे कितनी भी नफरत करते हों, वह नवाज शरीफ से उससे कहीं ज्यादा नफरत करते हैं और उससे कहीं ज्यादा अविश्वास करते हैं.
एक और केबल संदेश में इससे उलट भी जिक्र हुआ है. राष्ट्रपति जरदारी ने कहा था कि उन्हें सेना से डर लगता है कि वह उनके पद और उनकी जान का खतरा बन सकता है. मार्च 2009 में अमेरिका के उप राष्ट्रपति जो बाइडन ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन से बताया कि जरदारी ने उनसे कहा है कि आईएसआई प्रमुख और कयानी उन्हें निकाल बाहर करेंगे.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः एस गौड़