पाकिस्तान के सिर लादेन का भूत
२ मई २०११सामने आ रही नई बातें लोगों के लिए दिलचस्पी और पाकिस्तान के मुसीबत बनती जा रही हैं. एबटाबाद ऑपरेशन से जुड़े एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने साफ कहा है कि कार्रवाई के बारे में पाकिस्तान को कोई जानकारी नहीं दी गई थी. अमेरिकी अधिकारियों को लगा कि पाकिस्तान को ऑपरेशन की जानकारी देने से मामला गड़बड़ा सकता है. पाकिस्तान को भनक भी नहीं लगी और अमेरिका ने लादेन को मार गिराया.
इन समीकरणों के बीच दुनिया भर का मीडिया पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठाने लगा है. खुद पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य विशेषत्र रहीमुल्लाह यूसुफजाई कहते हैं, ''एबटाबाद एक सैन्य शहर है. यह पाकिस्तानी सेना की अकादमी के पास है. लोग जरूर यह सवाल उठाएंगे कि वे (ओसामा और उसके साथी) वहां तक कैसे पहुंचे.'' यूसुफजाई के मुताबिक अब पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर और ज्यादा दबाव पड़ेगा. यह भी कहा जा सकता है कि अल कायदा के अन्य नेता भी पाकिस्तान में छिपे हो सकते हैं.
लादेन का अड्डा पाकिस्तान की मशहूर सैन्य अकादमी से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर था. एबटाबाद सैन्य अकादमी में पाकिस्तान के उच्च सैन्य अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है. शहर इस्लामाबाद से आधे घंटे की दूरी पर है. ऐसी भी आशंकाएं जताई जाने लगी है कि लादेन एबटाबाद में 2005 से रह रहा था.
10 साल तक अमेरिका और पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियां लादेन को अफगानिस्तान के दुर्गम इलाकों में ढूंढती रहीं. इस दौरान पाकिस्तान लगातार कहता रहा कि लादेन पाकिस्तान में नहीं है. पाकिस्तान के मना करने के बावजूद अमेरिकी सेना पाक-अफगान सीमा से सटे कबायली इलाकों तक पहुंची. ड्रोन हमले करने शुरू किए और तमाम विवादों के बावजूद ड्रोन हमले अब भी जारी हैं.
इसके बाद पाक-अफगान सीमा के अंदर घुसते हुए लादेन की खोजबीन शुरू हुई. आखिरकार लादेन किसी दुर्गम इलाके में नहीं, बल्कि बेहद सुविधाओं वाले शहर एबटाबाद में मिला और मारा गया. लादेन जिस घर में छिपा था उसमें कई तरह की सुविधाएं थीं. आलीशान घर में बड़ा बिस्तर, वॉशिंग मशीन और आधुनिक अलमारियां भी थी. लादेन यहां अपनी पत्नियों और कई बच्चों के साथ रह रहा था.
दो हफ्ते पहले ही अमेरिका के शीर्ष सैन्य अधिकारी एडमिरल माइक मुलेन कह चुके थे कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के आतंकवादियों से संबंध हैं. हाल ही में एक अमेरिकी अखबार ने यह रिपोर्ट भी छापी कि पाकिस्तान अफगानिस्तान को अमेरिका के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान ने इस रिपोर्ट का खंडन किया. लेकिन यह साफ है कि बीते एक साल में पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में काफी कड़वाहट आई है. अब अमेरिकी जासूस रेमंड डेविस का मामला भी नए संदर्भ में देखा जाने लगा है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या डेविस को रोकने के लिए पाकिस्तान में किसी तरह की चाल चली गई. डेविस को जनवरी में लाहौर में गिरफ्तार किया गया. डेविस ने दो लोगों को गोली मार दी. अमेरिकी अधिकारी डेविस के मुताबिक दोनों लोग उनका पीछा कर रहे थे.
अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तीखे होते सवालों को जवाब देना पड़ सकता है. दूसरी तरफ चरमपंथी भी अब सरकार और सेना को अमेरिका परस्त मान कर हमले तेज सकते हैं. हाल के दिनों में पाकिस्तानी सेना पर आए दिन आतंकवादी हमले हो रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: उभ