पाकिस्तान को चरमपंथी गुटों से खतरा है: अमेरिका
२५ अक्टूबर २०१७पाकिस्तान की संक्षिप्त यात्रा के बाद बुधवार को दिल्ली पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के भीतर बहुत सारे चरमपंथी गुटों ने अपने ठिकाने बना लिये हैं और वे दूसरे देशों पर भी हमला कर सकते हैं. रेक्स टिलरसन ने कहा कि पाकिस्तान का हित "ना सिर्फ इन चरमपंथी गुटों पर नियंत्रण बल्कि इनका अंतत: सफाया करने में है."
टिलरसन ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, "मेरी बहुत स्पष्ट राय है और मैंने इसे पाकिस्तान के नेताओं के सामने भी रखा है कि हम पाकिस्तान की सरकार की सुरक्षा और स्थिरता के लिए भी चिंतित हैं. यह पाकिस्तान की अपनी स्थिरता के लिए खतरा हो सकता है. यह किसी के हित में नहीं है कि पाकिस्तान की सरकार अस्थिर हो."
अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद किसी वरिष्ठ अधिकारी की यह पहली पाकिस्तान यात्रा थी. हालांकि इसे लेकर पाकिस्तान में बहुत उत्साह नजर नहीं आया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी अफगान नीति में पाकिस्तान में चरमपंथियों को सुरक्षित पनाह मिलने की बात कही थी तभी से दोनों देशों में तनातनी बनी हुई है. अमेरिकी विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा एक बार टाला भी गया. अमेरिका पाकिस्तान पर चरमपंथी गुटों पर कार्रवाई के लिए लगातार दबाव बना रहा है उधर पाकिस्तान का कहना है कि उसने पहले ही बहुत कोशिशें की है और उनका नतीजा भी दिखा है बावजूद इसके उसकी कोशिशों का जिक्र नहीं हो रहा है. इसी तरह के आरोप अफगानिस्तान भी पाकिस्तान पर लगाता है. पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है और उसका कहना है कि चरमपंथी गुटों से उसका संपर्क सिर्फ इलाके में शांति बहाली के लिए है.
टिलरसन पाकिस्तान से पहले अफगानिस्तान बिना किसी घोषणा के ही जा पहुंचे. वहां उन्होंने अफगानिस्तान के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता का जिक्र किया और यह चेतावनी भी जारी की कि अमेरिका ने पाकिस्तान से चरमपंथियों के बारे में "बिल्कुल स्पष्ट आग्रह" किया है. टिलरसन ने पाकिस्तानी अधिकारियों की सराहना भी की जिन्होंने चरमपंथियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवाई है.
रेक्स टिलरसन पाकिस्तान में महज कुछ घंटों के लिए ही रुके. उनका यह भी कहना है कि अमेरिका चरमपंथियों के लिए किसी भी सुरक्षित पनाह को स्वीकार नहीं करेगा. इसके साथ ही उन्होंने चरमपंथियों से लड़ाई में भारत से मिले सहयोग के लिए उसका आभार भी जताया. टिलरसन ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका भारत के कंधे से कंधा मिला कर चलेगा." भारत ने अमेरिका के रुख का स्वागत किया है और कहा है कि अमेरिका के साथ गहराते रिश्तों के बारे में उसकी भी यही सोच है.
एनआर/एमजे (एएफपी)