"पाकिस्तान बढ़ा रहा है परमाणु हथियार"
५ सितम्बर २००९कांग्रेस की रिसर्च सर्विस (सीएसआर) की तरफ़ से तैयार ताज़ा रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान के पास लगभग 60 एटम बम हैं, लेकिन यह संख्या ज़्यादा भी हो सकती है. पिछले हफ़्ते जारी एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के एटम बमों की संख्या 100 बताई गई थी.
सीएसआर अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र अनुसंधान शाखा है जो अपनी रिपोर्ट में कहती है कि पाकिस्तान के परमाणु असलहे में बढोत्तरी का संकेत अधिकारिक तौर पर पाकिस्तान सरकार की तरफ़ से आया है. रिपोर्ट में 21 मई को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के इस बयान का हवाला दिया गया है कि यूं तो पाकिस्तान "दक्षिण एशिया में परमाणु और पारंपरिक हथियारों की दौड़" के ख़िलाफ़ है लेकिन भारत में पारंपरिक और परमाणु हथियारों के विस्तार को देखते हुए पाकिस्तान को और परमाणु हथियारों की ज़रूरत हो सकती है.
पाकिस्तान के 'परमाणु हथियारः प्रसार और सुरक्षा के मुद्दे' नाम की अपनी रिपोर्ट में सीएसआर ने कहा है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का यह बयान 26 जुलाई को भारत की तरफ़ से पहली स्वनिर्मित परमाणु पनडुब्बी तैयार करने के जबाव में आया. पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा, "भारत के साथ हथियारों की दौड़ में शामिल हुए बिना पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा और दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन बनाए रखने के लिए सभी उचित क़दम उठाने होंगे."
हालांकि अमेरिकी रिपोर्ट में यह बात साफ़ नहीं की गई है कि पाकिस्तानी परमाणु हथियारों विस्तार किस हद तक भारत और अमेरिका के बीच हुए परमाणु समझौते से जुड़ा है. लेकिन इसमें यह ज़रूर कहा गया है कि पाकिस्तान के परमाणु अस्त्रागर में होने वाले विस्तार को देखते हुए पाकिस्तान उन्हें इस्तेमाल करने की परिस्थितियों की संख्या भी बढ़ा सकता है.
वरिष्ठ सुरक्षा विश्लेषक पीटर लेवोय कहते हैं कि भारत अपनी पारंपरिक सैन्य क्षमताओं में सुधार कर रहा है. इस तरह उसे ख़ुफ़िया तंत्र, निगरानी और चौकसी के मामले में "तकनीकी श्रेष्ठता" हासिल हो सकती है. इस तरह भारत पाकिस्तान के अहम ठिकानों को आसानी से भेदने में सक्षम हो जाएगा. लेवोय मानते हैं कि पाकिस्तान भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की अपनी कसौटियों का स्तर कम कर सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य