पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियां कहां गईं?
२५ मार्च २०१९मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में अकसर हिंदू, सिख, ईसाई और दूसरे अल्पसंख्यक समूह अपने साथ भेदभाव होने की शिकायत करते हैं. इससे पहले भी कई बार ऐसी खबरें आ चुकी हैं जिनके मुताबिक हिंदू और सिख लड़कियों का अपहरण कर उन्हें जबरन मुसलमान बनाया जाता है.
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर सिंध प्रांत के एक व्यक्ति का वीडियो वायरल हुआ जो एक पुलिस थाने के बाहर जोर जोर से रो रहा है और अपनी बेटियों के अपहरण पर कोई कार्रवाई ना होने की शिकायत कर रहा है.
इसके बाद, भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त से इस मामले पर पूरी रिपोर्ट मांगी. पाकिस्तान में इसे देश के अंदरूनी मामलों में पड़ोसी देश के हस्तक्षेप के तौर पर देखा गया. पाकिस्तानी पुलिस का कहना है कि उसने लड़कियों के माता पिता की शिकायत पर अपहरण और डकैती का मामला दर्ज कर लिया और इस मामले में जल्द गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि "पूरा देश इन लड़कियों के साथ" है लेकिन उन्होंने इस मामले पर भारत की प्रतिक्रिया पर ऐतराज जताया. उन्होंने भारत को अपने यहां मुस्लिम अल्पसंख्यकों का ख्याल रखने की नसीहत दी है.
पाकिस्तानी सूचना मंत्री ने कहा, "मैडम मिनिस्टर, हमें यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय प्रशासन में ऐसे लोग हैं जो दूसरे देशों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का ध्यान रखते हैं. हम बड़ी ईमानदारी से उम्मीद करते हैं कि आपका जमीर आपसे अपने घर में अल्पसंख्यकों के लिए खड़ा होने को कहेगा. आपकी आत्मा पर गुजरात और जम्मू का बोझ होना चाहिए."
उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेस में गुजरात में 2002 के मुस्लिम विरोधी दंगों का जिक्र किया जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और मरने वालों में ज्यादातर मुसलमान थे. इसके अलावा, पाकिस्तान भारत के इकलौते मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर में भी भारत पर मानवाधिकारों के हनन के आरोप लगाता रहा है जिसे भारत खारिज करता है.
वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने पाकिस्तान में पिछले दो साल के भीतर हिंदू और सिख लड़कियों के जबरन अपहरण और धर्मांतरण के तीन और मामलों का जिक्र किया.
एके/आईबी (रॉयटर्स)