प्रीति जिंटा को मिली डॉक्टरेट की उपाधि
३० अक्टूबर २०१०ब्रिटेन समेत कुछ अन्य पश्चिमी देशों में प्रीति जिंटा एक जाना पहचाना नाम हैं. 'कल हो ना हो' और 'वीर जारा' जैसी फिल्मों ने उन्हें विदेशों में लोकप्रिय बनाया है. यूनीवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन के मुताबिक बढ़िया अभिनय के अलावा आम जिंदगी में प्रीति एक बढ़िया इंसान हैं. वह मानवता की मदद करती हैं. महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाती हैं. इन्हीं खूबियों को चलते शुक्रवार को उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया.
शुक्रवार को एक खास समारोह में सम्मान पाने के बाद 35 साल की प्रीति ने कहा, ''इस सम्मान को पाकर मैं भावविभोर हो गई हूं.'' तालियों के गड़गड़ाहट के बीच आईपीएल टीम की मालकिन प्रीति जिंटा महिला अधिकारों की बात करने से नहीं चूकीं. उन्होंने कहा, ''मैं भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए काम करूंगी. मैं लूम्बा फाउंडेशन के साथ भारत और दुनिया भर में विधवाओं और बच्चों के लिए काम करूंगी''
प्रीति जिंटा के अलावा डॉक्टरेक्ट की उपाधि से भारतीय मूल के दो और व्यक्तियों को नवाजा गया. लॉर्ड भीखू पारेख और लॉर्ड नवनीत ढोलकिया को भी यह सम्मान मिला, भीखू पारेख को ब्रिटेन के बड़े राजनीतिक दर्शनशास्त्रियों में गिना जाता है. ढोलकिया ब्रिटिश सत्ताधारी मोर्चे की पार्टी लिबरल डेमोक्रेट्स के संसद के ऊपरी सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में उप नेता है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: महेश झा