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बांग्लादेश में शेख मुजीबुर्रहमान के हत्यारे को फांसी

१२ अप्रैल २०२०

बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के एक हत्यारे को बांग्लादेश में फांसी दे गई. 69 साल के कैप्टन अब्दुल माजेद को पिछले दिनों ही ढाका में गिरफ्तार किया गया था.

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Bangladesch Mujibur Rahman 1972
तस्वीर: Getty Images/D. Miller

शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को कैप्टन माजेद को ढाका की सेंट्रल जेल में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. जेल अधिकारी महबूब आलम ने यह जानकारी दी.

कैप्टन माजेद और 14 अन्य लोगों को वर्ष 1998 में शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या का दोषी करार दिया गया था और उन्हें गोली मारकर मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन कैप्टन माजेद तभी से फरार था.

2009 में बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने इनमें से 12 लोगों की मौत की सजा को बरकरार रखा जबकि तीन अन्य को बरी कर दिया गया. कैप्टन माजेद को पिछले दिनों गिरफ्तार किए जाने के बाद जब डेथ वारंट जारी हो गया तो उसने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दी जिसे राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने गुरुवार को खारिज कर दिया.

अभियोजन पक्ष के एक वकील का कहना है कि कैप्टन 21 साल तक भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी कोलकाता में छिपा हुआ था. पिछले महीने ही वह ढाका में अपने घर लौटा था.

1971 में बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम का नेतृत्व करने वाले मुजीबुर्रहमान की उनके परिवार के ज्यादातर सदस्यों के साथ 1975 में कुछ बागी सैन्य अफसरों ने हत्या कर दी और चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया.

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इसके बाद बनी सरकार ने हत्या करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. 1996 में जब शेख मुजीबुर्रहमान की बड़ी बेटी शेख हसीना प्रधानमंत्री बनीं तो उन्होंने हत्या का एक मामला दर्ज कराया. 1975 के हमले के समय शेख हसीना अपनी बहन के साथ यूरोप में थीं.

शेख हसीना जब दूसरी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं तो पांच दोषियों को 2010 के शुरुआत में फांसी दी गई जबकि सात लोग अन्य देशों में जाकर छिप गए. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय का कहना है कि एक दोषी की 2002 में जिम्बाब्वे में मौत हो गई जबकि अन्य लोग अमेरिका और कनाडा समेत विभिन्न देशों में छिपे हैं.

बांग्लादेश के गृह मंत्री ने पिछले दिनों माजेद की गिरफ्तारी को इस साल मुजीबुर्रहमान के जन्मशती वर्ष का "सबसे अच्छा उपहार" बताया था. शेख हसीना अपने पिता की हत्या के लिए पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान को जिम्मेदार मानती हैं, जो 1977 से 1981 में अपनी हत्या तक देश के राष्ट्रपति रहे. 

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और जियाउर रहमान की पत्नी बेगम खालिदा जिया इस आरोप से इनकार करती हैं. 1991 से 1996 तक और फिर 2001 से 2006 तक देश की प्रधानमंत्री रहीं खालिदा जिया इस आरोप को मनगढंत बताती हैं. 2018 में भ्रष्टाचार की दोषी करार दी गईं खालिदा जिया के सितारे इस समय गर्दिश में हैं.

एके/एमजे (डीपीए, एएफपी)

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