बिन लादेन की कार्रवाइयों पर न्याय होना ही थाः दलाई लामा
५ मई २०११अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया (यूएससी) में छात्रों को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा कि बिन लादेन दया का हकदार हो सकता है और एक इंसान के नाते उसे माफ भी किया जा सकता है. लेकिन माफ करने का यह मतलब नहीं है कि जो "कुछ हुआ, उसे भुला दिया जाए. अगर कुछ बहुत ही गंभीर है और उसके खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है तो आपको वह कार्रवाई करनी होगी." लॉस एंजेलिस टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट में दलाई लामा ने बिन लादेन से जुड़े सवाल पर ये बातें कहीं.
एक अलग बयान में दलाई लामा की वेबसाइट पर इस बारे में और जानकारी दी गई है. मंगलवार को यूएससी में तिब्बती नेता से पूछा गया कि क्या कुछ परिस्थितियों में न्याय को सुनिश्चित करना अपराधी के प्रति दया दिखाने से ज्यादा अहम होता है. जवाब में दलाई लामा ने कहा कि कार्रवाई और उसे अंजाम देने वाले में अंतर तलाशने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि बिन लादेन की विनाशकारी कार्रवाइयों और खास कर 11 सितंबर 2011 की आतंकवादी घटना में हजारों लोग मारे गए. इसलिए उसकी कार्रवाइयों पर न्याय होना जरूरी था. तिब्बती नेता ने कहा कि कार्रवाई को अंजाम देने वाले के प्रति दया और हमदर्दी रखी जानी चाहिए. इसलिए जवाबी कार्रवाई दयालु प्रवृत्ति की होनी चाहिए, भले ही यह कार्रवाई किसी भी तरह की हो.
क्षमा की बुनियादी परंपरा की तरफ इशारा करते हुए दलाई लामा ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि जो कुछ किया गया उसे भूल जाएं.
रिपोर्टः एजेंसियां/कुमार
संपादनः ओ सिंह