बिन लादेन के मारे जाने से रूस को फायदाः मेदवेदेव
११ मई २०११खासकर भारत के साथ परंपरागत रूप से पनपे गहरे संबंधों की वजह से रूस को पाकिस्तान के साझीदार के रूप में नहीं देखा जाता है. मास्को में पाकिस्तानी दूतावास के प्रवक्ता रजा अब्दुल कय्यूम ने कहा है कि इस यात्रा के दौरान आर्थिक प्रश्नों को प्रमुखता दी जाएगी. बुधवार को कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं है. कल गुरुवार को क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति जरदारी से मिलेंगे. इस अवसर पर कृषि, नागरिक उड्डयन और ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाएंगे.
1980 के दशक में सोवियत सेना के खिलाफ लड़ रहे मुजाहिदीन की आईएसआई की ओर से मदद की वजह से भी दोनों देशों के बीच मनमुटाव की स्थिति रही है. लेकिन पिछले साल एक शिखर बैठक में दोनों देशों ने सोवियत दौर की आर्थिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाते हुए सहयोग को पुनर्जीवित करने का फैसला किया था. काले सागर के तट पर स्थित सोची में हुई इस शिखर बैठक में ताजिकस्तान और अफगानिस्तान के नेताओं ने भी भाग लिया था.
एक रूसी अखबार में कहा गया है कि जरदारी की यात्रा के दौरान सोवियत दौर में पाकिस्तान में निर्मित एक स्टील कारखाने के आधुनिकीकरण के लिये 54 करोड़ डॉलर के ऋण का एक प्रारंभिक समझौता हो सकता है. लेकिन अभी तक इस खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है.
जरदारी से मुलाकात से पहले पहले रूसी राष्ट्रपति मेदवेदेव ने आज बुधवार को एक वक्तव्य में कहा है कि बिन लादेन को मार गिराना रूस की सुरक्षा के लिये फायदामंद है. उन्होंने कहा कि अल कायदा लगातार रूसी क्षेत्र में अपने लोगों को भेजता रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: आभा एम