बेरी से बढ़ता है औरतों का दिमाग
२६ अप्रैल २०१२अमेरिका में एक सर्वे के आधार पर यह नतीजा निकाला गया है. इस सर्वे में 16000 महिलाओं को शामिल किया गया है, जो सर्वे के लिए 1976 से लगातार सेहत संबंधी फॉर्म भरती आ रही हैं. इन्होंने 2001 तक ये फॉर्म भरे गए हैं. रिसर्चरों ने पाया कि जिन महिलाओं ने लगातार बेरियां खाई हैं, उनका दिमाग दूसरी औरतों से ढाई साल बाद कमजोर होना शुरू होता है. न्यूरोलॉजी की पत्रिका में छपी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1995 से 2001 तक लगातार उन महिलाओं की दिमागी ताकत आंकी गई. ये सभी महिलाएं 70 की उम्र पार कर चुकी थीं. इसके लिए खास तौर पर स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी (किलमोड़े) खाने पर जोर दिया गया है.
बोस्टन की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एलिजाबेथ देवोर ने कहा, "हम पहली नजर में कह सकते हैं कि बेरी खाने वाली महिलाओं का दिमागी संतुलन बेहतर रहता है. हमारे सर्वे का आम लोगों को फायदा पहुंच सकता है क्योंकि खान पान में मामूली बदलाव के साथ बेहतर जीवन बिताया जा सकता है."b
देवोर ने कहा कि दुनिया में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इसे देखते हुए उनके सर्वे का खासा महत्व है. 2010 के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 10 साल में 15 फीसदी बढ़ गई है.
हालांकि न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के रॉबर्ट ग्राहम का मानना है कि किसी भी उम्र में बेरी खाना अच्छा होता है. ग्राहम इस सर्वे से जुड़े नहीं हैं. उनका कहना है, "इस तरह के सर्वे से बुनियादी विज्ञान की यह बात साफ होती है कि बेरी खाना आम तौर पर डकार और गैस से जुड़ी बीमारियों से बचने में फायदेमंद साबित होता है." उन्होंने कहा कि वह अपने हर मरीज को ज्यादा बेरी खाने की सलाह देते हैं.
बेरी के अलावा सेब, नींबू और इससे मिलते जुलते फल यानी संतरा, मोसम्मी और नारंगी, चाय और रेड वाइन में भी इस तरह के गुण होते हैं. पहले के सर्वे साबित कर चुके हैं कि इनके सेवन से दिल की बीमारी का खतरा कम होता है.
रिपोर्टः एजेए/एएम (एएफपी)