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समाज

ब्रिटेन बाल विवाह पर रोक क्यों नहीं लगाता?

२४ अक्टूबर २०१८

विकासशील देशों में बाल विवाह के खिलाफ डंका पीटने वाले ब्रिटेन में आज भी बाल विवाह कानूनी और जारी है. यह किस जमाने का कानून चलता है यहां?

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Kinderehe in Indonesien

आम तौर पर शादी के लिए कम से कम 18 साल की उम्र जरूरी है. इससे कम उम्र में शादी को बाल विवाह माना जाता है जिस पर ज्यादातर देशों में रोक है, लेकिन ब्रिटेन में बाल विवाह अब भी कानूनी रूप से वैध है. इंग्लैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में मां बाप की मर्जी से 16 की उम्र में ही शादी हो सकती है जबकि स्कॉटलैंड में मां बाप या अभिभावक की अनुमति भी जरूरी नहीं.

13 साल की जी उत्तरी आयरलैंड के अपने घर में जब एक रोज स्कूल से वापस लौटी तो वहां एक सगाई की पार्टी की तैयारी चल रही थी. पहले तो वह बहुत खुश हुई लेकिन कुछ ही पलों में उसे सदमे ने घेर लिया जब उसकी मां ने बताया कि सगाई उसी की हो रही है. उसका भावी पति उसके रिश्ते का भाई ही था. उस वक्त वहां बस एक तस्वीर मौजूद थी और उसी के साथ उसकी सगाई होने जा रही थी.

जी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "एक दिन मुझे बताया गया कि मैं लड़कों से बात नहीं कर सकती और फिर कहा गया कि मेरी शादी हो रही है. मुझे क्रिसमस ट्री की तरह सजा दिया गया. खूब चमकीले कपड़ों में. हर कोई वहां खुश था लेकिन अगर कोई परेशान था तो वो मैं थी."  

जी अपना पूरा नाम नहीं बताती. वह अपने घर से भाग गई लेकिन उसका कहना है कि बहुत सी लड़कियों की जबरन शादी कराई जा रही है. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि विकासशील देशों में बाल विवाह की मुखालफत करने वाले ब्रिटेन को अपने देश के कानून में बदलाव करना चाहिए. सामाजिक कार्यकर्ताओं को हैरानी हुई जब हाल ही में बांग्लादेश ने ब्रिटेन का हवाला दे कर अपने यहां शादी की उम्र 16 साल तय कर दी.

बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाने वाले एक प्रमुख संगठन की अध्यक्ष माबेल वान ओरेंजे कहती हैं, "यूके को वही खुद भी करना चाहिए जिसके लिए वह औरों को ज्ञान बांटता है. ब्रिटेन में शादी के कानून को बदलने में हो रही देरी से नुकसान बढ़ता जा रहा है."

ब्रिटिश सांसद पॉलिन लाथाम इस बात पर सहमति जताती हैं. उन्होंने शादी की उम्र 18 साल तय कराने के लिए संसद में बिल पेश किया है जिसकी दूसरी रीडिंग इसी साल के आखिर में होगी. उन्होंने कहा ब्रिटेन ने पांच साल में करीब 5 करोड़ डॉलर विकासशील देशों में बाल विवाह को खत्म करने पर खर्च किया लेकिन वह खुद अपने यहां बाल विवाह होने दे रहा है. यह कैसी "सनक" है. पॉलिन ने कहा कि ब्रिटेन की लड़कियों को बचाने के लिए घरेलू कानून को बदलना जरूरी है.

जबरन शादी

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2010 से 2015 के बीच ब्रिटेन में करीब 2000 ऐसे जोड़ों की शादी करा दी गई जिनकी उम्र 18 साल से कम थी. इनमें कम उम्र वाली लड़कियों की तादाद खासतौर से ज्यादा थी. भले ही यह संख्या बहुत ज्यादा ना हो लेकिन इनमें से ज्यादातर पर उनके परिवार वालों ने दबाव बना कर उनकी शादी कराई. अगर शादी की न्यूनतम उम्र को बढ़ा दिया जाएगा तो कम से कम लड़कियां ना कहने में ज्यादा सशक्त अनुभव करेंगी.

लड़कियों की कम उम्र में शादी का असर हर जगह एक सा ही होता है. ज्यादातर का स्कूल छूट जाता है, वैवाहिक बलात्कार और घरेलू हिंसा का खतरा होता है और किशोरावस्था में गर्भधारण के कारण स्वास्थ्य को भी नुकसान होता है.

ब्रिटेन में 1929 में शादी की उम्र 16 साल तय की गई थी. उस वक्त शादी से पहले साथ रहने या फिर बच्चे पैदा करने को सामाजिक रूप से मंजूरी नहीं थी. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि "अभिभावक की मंजूरी" ने एक तरह से जबरन शादियों के लिए "दरवाजा खोल" दिया है.

लाथम का कहना है कि संसद में उनके बिल को आमतौर पर समर्थन मिला है लेकिन समय की कमी की वजह से इस पर चर्चा नहीं हो सकी है.

लड़कियों की कुर्बानी

ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई और मध्य पूर्व की पृष्ठभूमि वाली लड़कियों पर जल्दी शादी होने के सबसे ज्यादा खतरा है.  इसकी वजह यह है कि शादी के अलावा किसी और के साथ रिश्ता रखने को इन समुदायों में शर्मनाक माना जाता है. लंदन में रहने वाली अमीना 30 साल से कुछ ज्यादा उम्र की हैं और चार बच्चों की मां हैं. वो बताती हैं कि 17 साल की उम्र में उनकी शादी हुई और उससे पहले उनकी अपने पति से कभी बात नहीं हुई थी.

शादी मां बाप की खुशी के लिए हुई और उसके बाद उनकी पढ़ाई रुक गई. पति के गुस्से और सास के नियंत्रण ने उन्हें तनाव का शिकार बना दिया. अमीना बताती हैं, "शादी में बस डर ही था. मैं अपने ही घर में बिल्कुल अजनबी थी. मैं सचमुच भोली भाली थी जब मेरा पहला बच्चा हुआ तो मैं खुद ही बच्ची थी."

अमीना के मां बाप बांग्लादेश में पैदा हुए. अमीना का कहना है कि ब्रिटेन में आज भी लड़कियों का जबरन बाल विवाह कराया जाता है. अमीना ने कहा, "वह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी कुर्बानी थी. मुझे चीजों को समझने का मौका नहीं मिला. मैं बहुत भयावह दौर से गुजरी." अमीना अब भी अपने उसी शौहर के साथ रहती हैं और उन्होंने अपना असली नाम बताने से भी मना किया. 

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि आधिकारिक आंकड़ों में यह समस्या उतनी बड़ी नहीं दिखती क्योंकि अकसर लड़कियों की शादी तो पहले पारंपरिक तरीके से करा दी जाती है लेकिन उन्हें आधिकारिक तौर पर दर्ज नहीं कराया जाता. बहुत से ऐसे भी मामले हैं जब शादी ब्रिटेन से बाहर कहीं और होती है. जब उनकी उम्र ज्यादा हो जाती है तब वे ब्रिटेन में आते हैं.

पिछले साल सरकार की फोर्स्ड मैरेज यूनिट को करीब 1200 संभावित मामलों की जानकारी मिली. इनमें मुख्य रूप से लड़कियों या औरतों को दबाव डाल कर शादी करने के लिए मजबूर किया गया. 

एनआर/एके (रॉयटर्स)

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