भारतीय कमाएंगे और पैसे
९ मार्च २०११मानव संसाधन शोध कंपनी एयोन ह्यूविट के मुताबिक दुनिया भर में औसतन दो से लेकर चार प्रतिशत से लोगों के वेतन बढ़ रहे हैं. विकसित देशों में ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आर्थिक संकट से निकलने के बाद अर्थव्यवस्थाएं अब भी संवेदनशील हैं. एयोन ह्यूविट ने दुनिया भर में 531 कंपनियों में वेतन से संबंधित जानकारी जमा की.
एयोन ह्यूविट में काम कर रहे नितिन सेठी का कहना है कि विश्वभर में भारत पहले स्थान पर है. उनका कहना है कि भारत में अर्थव्यवस्था इस साल 9 प्रतिशत से बढ़ सकती है और देश में प्रतिभाशाली लोगों के लिए 'युद्ध' हो रहा है. साथ ही देश में बढ़ते दामों का असर भी लोगों के वेतन पर पड़ा है. भारत में इंजिनियरिंग करने के बाद एक ग्रैज्युएट को 4.5 लाख का सालाना वेतन दिया जाता है जो 10,000 डॉलर के जितना है. अमेरिका के मुकाबले यह बहुत ही कम है. साथ ही, भारत में कंपनियों में काम कर रहे लोग हर वक्त बेहतर नौकरी की तलाश में रहते हैं जिससे कंपनियों में बेहतर वेतन देने के लिए भी प्रतिस्पर्धा बनी रहती है.
सेठी के मुताबिक भारत में मूलभूत संसाधनों को बनाने वाली इंजिनियरिंग कंपनियों में काम कर रहे लोगों के वेतन में 14 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी. वेतन बढ़ने के बाद भी भारत विदेशी कंपनियों के लिए आकर्षक बना रहेगा क्योंकि बढ़ोतरी के बावजूद भारत में पश्चिमी देशों के मुकाबले वेतन कम रहेंगे. आने वाले वर्षों में 12 से लेकर 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखे जाने की संभावना है. इसके मुकाबले चीन में कर्मचारियों की तनख्वाह में इस साल 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखा जाएगी. ऑस्ट्रेलिया में 4.2, हांगकांग में 3.5 और जापान में 2.7 प्रतिशत से वेतन बढ़ेंगे.
हालांकि एयोन ह्यूविट के शोध में भारत के उच्च स्तरीय कंपनियों में काम कर रहे उच्च शिक्षित कर्मचारियों को देखा गया है. भारत में अब भी करोड़ों लोग आर्थिक विकास का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं.
रिपोर्टः एएफपी/एमजी
संपादनः ईशा भाटिया