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भारत अमेरिका वीजा विवाद गहराया

१२ अगस्त २०१०

भारत अमेरिका वीजा विवाद के बीच अमेरिकी सरकार ने कैपिटल हिल और उद्यमियों से बातचीत करनी शुरू की है. अमेरिकी संसद ने एच-वन बी और एल-1 वीजा फीस बढ़ाने का बिल पास किया है.

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तस्वीर: AP

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा नवंबर में भारत जा रहे हैं और अमेरिका चाहता है कि इस यात्रा से पहले वीजा का मुद्दा हल हो जाए और अमेरिका भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों पर इसका असर न पड़े.

वीजा फीस पढ़ने पर भारत की आईटी कंपनियों को 25 करोड़ डॉलर वीजा फीस में ही खर्च करने होंगे. लेकिन अमेरिकी अधिकारियों के बीच ही इस पर एकमत नहीं है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीजे क्राउली ने कहा, "ये एक मुद्दा है जिस पर हमने बात की है. हमने सरकार के अंदर भी चर्चा की है साथ ही हम उद्यमियों से भी बातचीत कर रहे हैं. हमने ये संकेत भी दिए हैं कि हम इस पर आगे चर्चा करते रहेंगे."

Barack Obama Präsident Atlanta Irak Abzug
तस्वीर: AP

व्यवसायियों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर सुरक्षा की बेहतरी के उपायों के तहत जो वीजा फीस बढ़ाई जा रही है उससे भारत अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ेगा.

प्रस्ताव के मुताबिक वीजा फीस अगले पांच साल में दो हज़ार यूरो तक बढ़ जाएगी. ये फीस उन कंपनियों के लिए बढ़ाई जा रही है जहां 50 से ज्यादा कर्मचारी हैं और जहां अधिकतर लोग वीजा पर बाहर से आते हैं.

सीनेट के बिल के अनुसार विप्रो, टाटा, इन्फोसिस और सत्यम जैसी भारतीय कंपनियों से कई सौ कर्मचारी अमेरिका काम करने के लिए आते हैं ताकि तकनीकी मुद्दों पर और यहां के इंजीनियर्स को वो मदद कर सके. इन कंपनियों पर भारी असर पड़ेगा.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः महेश झा