भारत और भ्रष्ट हुआ
२७ अक्टूबर २०१०बर्लिन स्थित गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के मुताबिक, "नतीजे भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या की तरफ संकेत करते हैं. भ्रष्टाचार को जारी रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. बहुत से गरीब और जरूरतमंद लोगों को इसकी मार झेलनी पड़ रही है." संगठन का कहना है कि भ्रष्टाचार की समूची अंतरराष्ट्रीय स्थिति बेहद की चिंताजनक है.
इराक सबसे भ्रष्ट देशों में चौथे नंबर पर है. दूसरे स्थान पर अफगानिस्तान और म्यांमार को रखा गया है जबकि सोमालिया अब भी दुनिया में सबसे भ्रष्ट देश बना हुआ है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का कहना है, "जो देश जितना अस्थिर होगा, वहां भ्रष्टाचार भी उतना ही ज्यादा होगा." ऐसे में विश्व बिरादरी पर इस बात की जिम्मेदारी आती है कि वह तथाकथित विफल राष्ट्रों में भरोसेमंद सरकारी ढांचा तैयार करने में मदद करें.
दूसरी तरफ डेनमार्क, न्यूजीलैंड और सिंगापुर में सबसे कम भ्रष्टाचार बताया गया है. इनके बाद फिनलैंड, स्वीडन, कनाडा और नीदरलैंड्स का नंबर आता है. वहीं चिली, इक्वाडोर, मेसेडोनिया, कुवैत और कतर को अलग से ऐसे देशों में रखा गया है जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में कामयाबी मिलने की बात कही गई है.
भ्रष्टाचार के मामले में अमेरिका को 178 देशों में 22वें पायदान पर रखा गया है जबकि ग्रीस 78वें और इटली 67वें स्थान पर आते हैं. चीन भी ग्रीस के साथ रखा गया है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के मुताबिक भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति एक साल पहले के मुकाबले और गंभीर हुई है. पिछले साल भारत 84वें स्थान पर था लेकिन इस साल वह तीन पायदान और खिसक गया है. वहीं पाकिस्तान की हालत और भी खराब है. उसे 143वें स्थान पर रखा गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा