भारत में हाल के बड़े विस्फोट
१३ जुलाई २०११मार्च, 2006: उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में एक रेल्वे स्टेशन पर बम विस्फोट. 20 लोगों की मौत, जिनमें से ज्यादातर श्रद्धालु थे.
जुलाई, 2006: मुंबई के उपनगरीय ट्रेनों में एक के बाद एक सात बम विस्फोट. इनमें 187 लोगों की मौत हो गई, जबकि 800 मुसाफिर घायल हो गए.
सितंबर, 2006: महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में लगातार हुए तीन बम विस्फोटों में 38 लोग मारे गए, जबकि 100 से ज्यादा घायल हो गए.
फरवरी, 2007: पाकिस्तान जाने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन को निशाना बनाया गया, जिसमें 66 लोग मारे गए. मारे गए ज्यादातर लोग पाकिस्तानी थे.
मई, 2007: हैदराबाद के मक्का मस्जिद में बम धमाका हुआ. 17वीं सदी की इस मस्जिद में हुए विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई.
अगस्त, 2007: हैदराबाद में ही एक भीड़ भाड़ वाले ऑडिटोरियम के बाहर बम विस्फोट. कम से कम 40 लोगों की जान गई.
नवंबर, 2007: उत्तर प्रदेश के तीन शहरों में कई जगहों पर बम धमाके हुए, जिनमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई.
मई, 2008: राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए बम धमाके में 65 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 लोग घायल हो गए. इंडियन मुजाहिदीन ने हमले की जिम्मेदारी ली.
जुलाई, 2008: बैंगलोर शहर में आठ जगहों पर बम विस्फोट हुए, जिनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई.
जुलाई, 2008: सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील गुजरात के अहमदाबाद शहर में 16 जगहों पर बम धमाके हुए. इनमें 45 लोगों की मौत हो गई, जबकि 160 जख्मी हुए. इंडियन मुजाहिदीन ने हमलों की जिम्मेदारी ली.
सितंबर, 2008: राजधानी दिल्ली के बाजारों में हुए बम विस्फोटों में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 100 लोग घायल हो गए. एक बार फिर इंडियन मुजाहिदीन ने हमलों की जिम्मेदारी ली.
अक्तूबर, 2008: असम के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी में लगातार दर्जन भर विस्फोट हुए, जिनमें कम से कम 70 लोग मारे गए. इन धमाकों में 300 लोग मारे गए.
26/11: भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में आतंकवादियों ने घुसकर तीन दिनों तक दहशत फैलाई. पांचसितारा होटलों और रेल्वे स्टेशन पर हुए बम धमाकों में 166 लोग मारे गए. भारत के ब्लैक कैट कमांडो की कार्रवाई में पाकिस्तानी नागरिक आमिर अजमल कसाब को छोड़ कर सारे आतंकवादी मारे गए. हमले की साजिश पाकिस्तान में रचे जाने की पुष्टि हुई.
फरवरी, 2010: महाराष्ट्र के पुणे शहर की मशहूर जर्मन बेकरी को आतंकवादियों ने निशाना बनाया. इसमें 16 लोग मारे गए, जिनमें से काफी विदेशी भी थे. एक बार फिर इंडियन मुजाहिदीन को जिम्मेदार ठहराया गया.
संकलनः एएफपी/ए जमाल
संपादनः आभा एम