यूएई में मिला गैस का बड़ा खजाना
६ फ़रवरी २०२०संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 3 फरवरी को ऐलान किया कि वहां 80 ट्रिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक फीट का एक प्राकृतिक गैस फील्ड मिला है. इसे 2005 के बाद सबसे बड़ी गैस भंडार की खोज माना जा रहा है. कतर से यूएई के संबंध खराब होने के बाद यूएई के लिए यह एक बड़ी राहत की खबर है.
इस गैस रिजर्वायर का नाम जेबेल अली रखा गया है. यह जगह दुबई और अबू धाबी के बीच में मौजूद है. इस गैस भंडार का पूरा इलाका लगभग 5000 वर्ग किलोमीटर बताया गया है. इससे पहले 2005 में तुर्केमेनिस्तान में 80 ट्रिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक फीट का एक गैस फील्ड मिला है. मध्य पूर्व के देशों में ये चौथा सबसे बड़ा गैस भंडार बन गया है. इससे पहले कतर का नॉर्थ फील्ड, ईरान का साउथ फारस और अबू धाबी का बाब फील्ड गैस रिजर्वायर हैं.
ऑइल और गैस रिजर्वायर में क्या अंतर है?
जमीन के नीचे से निकलने वाले ईंधन को जीवाश्म ईंधन कहा जाता है. जीवाश्म ईंधन करोड़ों साल पहले जमीन के नीचे दबे जीवाश्मों, पेड़, पौधों से बनता है. जीवाश्म ईंधन में कच्चा तेल, गैस और कोयला शामिल हैं. ऐसा नहीं है कि जमीन के नीचे हर जगह पर जीवाश्म ईंधन मौजूद होता है. जीवाश्म ईंधन का पता करने के लिए रिसर्च की जाती है. जहां पर जीवाश्म ईंधन होने के संकेत मिलते हैं वहां मशीनों से खुदाई होती है. खुदाई से पता चलता है कि उस जगह पर जीवाश्म ईंधन है या नहीं.
जमीन के नीचे कच्चा तेल और गैस दोनों ही मिलते हैं. कच्चा तेल कोई एक अवयव नहीं होता है. इसमें कई सारे हाइड्रोकार्बन मिले रहते हैं. जब कच्चे तेल को गर्म किया जाता है तो अलग-अलग तापमान पर अलग-अलग अवयव अलग होते जाते हैं. कच्चे तेल को रिफाइन करने पर प्राकृतिक गैस भी निकलती हैं. इनमें एलपीजी और सीएनजी शामिल होते हैं. कच्चे तेल के कुओं में तेल के अलावा गैस और पानी भी निकलता है.
जो गैस कच्चे तेल की रिफाइनिंग या कच्चे तेल के कुएं में अलग से मिलती हैं उन्हें एसोसिएटेड गैस कहा जाता है. मध्य पूर्व के देशों में अधिकांश इसी तरह की गैस निकलती है जो कच्चे तेल के कुओं में होती है. जो गैस कच्चे तेल के कुओं में ना निकलकर अलग से निकलती हैं उन्हें नॉन एसोसिएटेड गैस कहा जाता है. यूएई में फिलहाल मिला गैस फील्ड नॉन एसोसिएटेड गैस फील्ड है. उत्तरी अमेरिका में मिलने वाले गैस भंडार नॉन एसोसिएटेड गैसों के ही होते हैं.
प्राकृतिक गैसों में मेथेन और एथेन प्रमुखता से होती हैं. इसके अलावा बाकी हाइड्रोकार्बन की मात्रा भी होती है. जलने पर ये गैसें बहुत कम मात्रा में प्रदूषण करती हैं. इसके चलते इन्हें अधिक इस्तेमाल में लिया जाता है. गाड़ी चलाने में काम आने वाली सीएनजी और खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी प्राकृतिक गैस ही हैं. प्राकृतिक गैसों का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए भी किया जाता है. यूएई में मिले इस बड़े गैस भंडार से निकली गैस को बिजली बनाने के काम में लेने की योजना है.
आरएस/एके (एपी)
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