लगातार जारी हमलों का शिकार बनी गर्भवती महिला
१४ मार्च २०२२एक दिन पहले पोलैंड की सीमा पर हुए हमले के साथ ही यूक्रेन की जंग अब एक नाटो सदस्य देश की सीमा के करीब पहुंच गई. यहां रूस ने सेना के एक ट्रेनिंग बेस को निशाना बनाया है. यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक, इस हमले में 35 लोगों की जान चली गई और 134 लोग घायल हुए हैं. यावोरिव मिलिट्री एकेडमी पर रविवार को 30 क्रूज मिसाइल दागे गए. पोलैंड के प्रधानमंत्री मातेउतस मोराविकी ने अपने यूक्रेनी और लिथुआनियाई समकक्षों के साथ एक न्यूज कांफ्रेंस में कहा कि सीमा के पास रूसी हमले का मकसद "आम लोगों में अफरातफरी मचाना था."
उधर रूसी सेना ने कहा है कि सोमवार को यूक्रेनी बैलिस्टिक मिसाइल के हमले में पूर्वी शहर दोनेत्स्क में 20 आम लोग मारे गए हैं. यूक्रेन ने इससे इनकार किया है. इस हमले की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है. तीसरे हफ्ते में पहुंच चुके युद्ध की कीमत आम लोगों को चुकानी पड़ रही है. मारियोपोल शहर के एक मैटर्निटी हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला और उसका बच्चा बमबारी का शिकार हुए. यहां महिला अपने बच्चे को जन्म देने आई थी. हमले के बाद महिला को बचाने के लिए दूसरे अस्पताल में ले जाए जाने की तस्वीरें बहुत विचलित करने वाली हैं.
कीव पर कब्जे की कोशिश
रूसी सेना ने कीव पर कब्जे की कोशिश सोमवार एक बार फिर तेज कर दी है. एक स्थानीय अधिकारी ने यूक्रेनी टेलिविजन पर बताया कि कीव के उपनगरों पर हवाई हमले और टैंकों से गोलाबारी की जा रही है. कीव के पूर्व में मौजूद ब्रोवरी के टाउन काउंसलर की इस हमले में मौत हो गई है. इर्पिन, बूचा और होस्तोमेल को भी भारी नुकसान हुआ है.
सोमवार सुबह एक नौ मंजिला इमारत हमले की चपेट में आ गई. इस हमले में दो लोगों की मौत हुई है. धमाके से इमारत की कई मंजिलों पर आग लग गई और कई अपार्टमेंट ध्वस्त हो गए. यहां करीब सात लोग घायल भी हुए हैं. रूसी सेना ने कीव की एयरप्लेन फैक्टरी को भी निशाना बनाया है.
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यूक्रेनी राष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया है कि हवाई हमलों में दक्षिण के प्रमुख शहर मिकोलाइव और पूर्वी शहर खारकीव की रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया है. इसके साथ ही रीवने शहर में एक टेलिविजन टावर को ध्वस्त कर दिया गया है.
रविवार को एक अमेरिकी पत्रकार की मौत हो गई जबकि दूसरा घायल हो गया. इनकी कार रूसी हमले का शिकार बनी थी. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उसने अब तक 596 आम लोगों की मौत दर्ज की है. हालांकि उसका मानना है कि वास्तविक संख्या इससे बहुत ज्यादा है. यूक्रेन के मुख्य अभियोजन कार्यालय का कहना है कि मरने वालों में कम से कम 85 बच्चे भी हैं. रूसी रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसकी सेना पिछले 24 घंटे में 11 किलोमीटर आगे बढ़ी है.
उम्मीद से धीमा रहा रूसी अभियान
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक करीबी सहयोगी ने माना है कि रूस का सैन्य अभियान उतनी तेजी से नहीं चल सका जितना कि राष्ट्रपति चाहते थे. यह पहली बार है जब रूस ने अपने अभियान की कोई खामी जताई हो.
रूस के नेशनल गार्ड के प्रमुख विक्टर जोलोतोव पुतिन की सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्य भी हैं. जोलोतोव ने यूक्रेन पर आरोप लगाया है कि धुर दक्षिणपंथी यूक्रेनी ताकतें आम लोगों की आड़ ले रही हैं. विक्टर जोलोतोव का कहना है, "मैं कहना चाहता हूं कि सारी चीजें उतनी तेजी से नहीं हो रही हैं जितना हम चाहते थे. लेकिन हम अपने लक्ष्य की ओर कदम दर कदम बढ़ रहे हैं." उनका यह बयान नेशनल गार्ड की वेबसाइट पर भी डाला गया है.
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अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी पुतिन के हमले को पुराने जमाने की जमीन हथियाने जैसी कार्रवाई की संज्ञा दे रहे हैं. यह भी कह रहे हैं कि अब तक इस पर बहुत खराब तरीके से अमल हुआ है क्योंकि रूस ने यूक्रेन की ताकत को कम आंका था.
हर तरफ हमला
इस बीच पश्चिमी यूक्रेन को तुलनात्मक रूस से सुरक्षित मान कर जो लोग उधर गए थे उन्हें भी अब देश के बाहर जाने पर मजबूर होना पड़ा है. सोमवार को पोलैंड की सीमा के पास हुए एक हमले के बाद देश से निकलने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
यूक्रेन का कहना है कि रविवार को सैन्य अड्डे पर हुए रूसी हमले में 35 लोगों की जान गई है. उधर रूस का कहना है कि करीब 180 "विदेशी लड़ाके" मारे गए और बड़ी संख्या में विदेशी हथियारों का भंडार नष्ट हुआ है. यूक्रेन ने देश के पश्चिमी हिस्से के एक एयरपोर्ट पर हवाई हमलों की भी खबर दी है.
रूस और यूक्रेन की बातचीत
यूक्रेन और रूस के बीच चल रही बातचीत फिलहाल मंगलवार तक के लिए रोक दी गई है. यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्या ने बताया है कि शीर्ष प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत कुछ तकनीकी कारणों से रोक दी गई है. हालांकि कार्यकारी समूहों के बीच बातचीत जारी है. दोनों पक्षों ने वीडियो लिंक के जरिए सोमवार को बातचीत शुरू की है. इससे पहले दोनों तरफ के प्रतिनिधिमंडल बेलारूस में तीन दौर की बातचीत कर चुके हैं.
यूक्रेन का कहना है कि उसने संघर्ष विराम पर कठोर बातचीत शुरू की है जिसमें रूसी सैनिकों को तुरंत हटाए जाने और रूस की तरफ से सुरक्षा गारंटी मिलने पर बातचीत की जा रही है. उधर रूस क्राइमिया को रूसी इलाके और अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र गणराज्य घोषित करने की मांग कर रहा है.
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दोनों पक्षों ने हफ्ते के आखिर में हुई बातचीत में दुर्लभ प्रगति का दावा किया है. इससे पहले की बातचीत में मुख्य रूप से रूसी सैनिकों के कब्जे वाले इलाकों से आम लोगों को निकालने और सहायता पहुंचाने पर ध्यान दिया जा रहा था. हालांकि इस दौरान हुए संघर्ष विराम आमतौर पर नाकाम ही रहे.
28 लाख शरणार्थी
रूसी हमले के बाद यूक्रेन से बाहर निकलने वाले शरणार्थियों की संख्या 28 लाख को पार कर गई है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों से यह पता चला है. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार यूरोप में इतना बड़ा शरणार्थी संकट पैदा हुआ है. यूरोपीय संघ ने अनुमान लगाया है कि इस युद्ध के कारण 50 लाख लोग शरणार्थी बनने पर मजबूर हो सकते हैं हालांकि कुछ दूसरे संगठनों ने इससे ज्यादा लोगों की संख्या रहने का भी अनुमान लगाया है.
यूक्रेन के भीतर भी बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं. ये लोग युद्ध वाले इलाकों को छोड़ लवीव जैसे शांत इलाकों की तरफ गए हैं.
52 साल की मिरोस्लाव पश्चिम में टेर्नोपिल के इलाके से अपना घर छोड़ कर भागी हैं. फिलहाल क्राकाओ के एक टर्मिनल पर खड़ी मिरोस्लाव कुछ मित्रों का इंतजार कर रही हैं. उन्हें नहीं पता कि कहां रहेंगी. मिरोस्लाव का कहना है, "हम कल हुए हमले की वजह से बाहर निकले. हम नहीं निकलना चाहते थे लेकिन हमला इतना पास आ गया कि हमने निकलने का फैसला किया."
शरणार्थियों की मदद
अधिकारी और वॉलंटियर पूरे मध्य और पूर्वी यूरोप में लोगों को भोजन, आवास और इलाज की सुविधा मुहैया कराने में जुटे हैं. शरणार्थियों की करीब आधी संख्या ने पोलैंड का रुख किया है इसके अलावा स्लोवाकिया, रोमानिया, हंगरी और मोल्दोवा में भी बड़ी संख्या में शरणार्थी आए हैं. यहां से ये लोग पश्चिम के दूसरे देशों की ओर जा रहे हैं. जर्मनी में अब तक करीब 1.5 लाख लोगों ने खुद को शरणार्थी के रूप में दर्ज कराया है.
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पोलैंड के बॉर्डर गार्ड के मुताबिक अब तक करीब 17.6 लाख लोगों ने सीमा पार की है. सोमवार सुबह ही करीब 18,400 लोग यूक्रेन से पोलैंड आए हैं. अनुमान है कि इनमें से करीब 10 लाख लोग पोलैंड में ही हैं. पश्चिमी की ओर थोड़ा और आगे के देश जैसे चेक रिपब्लिक और लिथुआनिया में भी बड़ी संख्या में शरणार्थी आ रहे हैं.
आम लोगों को बाहर निकालने की कोशिश
यूक्रेन ने कहा है कि वह 10 मानवीय गलियारों के सहारे ज्यादा से ज्यादा आम लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है. रूस ने इस बात से इनकार किया है कि वह आम लोगों को निशाना बना रहा है. उसका अब भी यही कहना है कि वह एक विशेष सैन्य अभियान चला रहा है जिसका मकसद यूक्रेन को "असैन्य" और "नाजीवादरहित" करना है. यूक्रेन और पश्चिमी देश इसे 4.4 करोड़ की आबादी वाले लोकतांत्रिक देश पर हमले का आधारहीन कारण बता रहे हैं.
दक्षिणी यूक्रेन के मिकोलाइव शहर की एक शरणार्थी अलेना कासिन्यास्का ने कहा, "घर उड़ाए जा रहे हैं, लोगों के पास रहने को जगह नहीं है, हम सब डरे हुए हैं." कासिन्यास्का डैन्यूब डेल्टा को पार कर रोमानिया पहुंची हैं.