रूस के लिए कीव पर कब्जे को मुश्किल किया यूक्रेन ने
२६ फ़रवरी २०२२यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी सैनिकों के हाथ अपदस्थ किए जाने की आशंकाओं के बीच यूक्रेन के लोगों से दृढ़ रहने को कहा है. उनका कहना है, "यूक्रेन का भविष्य तय हो रहा है." राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन छोड़ कर जाने में अमेरिका की मदद लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि युद्ध उनके देश में हो रहा है और वे वहीं रहेंगे.
शनिवार को जारी एक वीडियो में जेलेंस्की ने कहा है कि कीव में रूस के हमलों का जवाब दिया जा रहा है और आनन फानन में राजधानी पर कब्जा करके कठपुतली सरकार बिठाने की रूसी कोशिश नाकाम हो गई है. यूक्रेनी अधिकारियों ने हमले को नाकाम करने में कुछ सफलता की बात कही है. हालांकि उनका यह भी कहना है कि राजधानी के नजदीक लड़ाई अब भी जारी है. शहर के बाहरी हिस्से में झड़पें हो रही हैं. कहा जा रहा है कि रूसी सेना की कुछ छोटी टुकड़ियां मुख्य दस्ते के लिए रास्ता साफ करने की कोशिश में हैं.
अमेरिकी सेना के अधिकारियों का भी कहना है कि रूसी हमले का सामना काफी दृढ़ता से किया गया है और रूस ने जितनी आसानी से आगे बढ़ने के बारे में सोचा था उसकी तुलना में उनकी रफ्तार धीमी है.
रूसी सैनिकों का मार्च
यूक्रेनी राजधानी कीव के अधिकारियों ने नगरवासियों को चेतावनी दी है कि रूसी सैनिकों के खिलाफ सड़कों पर लड़ाई चल रही है. उन्होंने लोगों से उनके घरों के भीतर छिपे रहने को कहा है. उन्हें खिड़कियों के पास या बालकनी में नहीं जाने की सलाह दी गई है.
यूक्रेन की सेना का कहना है कि सिटी सेंटर के पश्चिम में एक सैन्य ठिकाने के पास लड़ाई चल रही है. कीव के मेयर का कहना है कि एक बड़े बिजली घर के पास धमाकों के कारण पूरा इलाका दहल उठा है. यहां पांच धमाके हुए हैं लेकिन धमाकों की वजह का पता नहीं चल सका है. रूसी सेना शहर में घुसने के लिए कई दिशाओं से हमले कर रही है.
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेज जनरल इगोर कोनाशेंकोव ने शनिवार को दावा किया कि हमला शुरू होने के बाद से अब तक यूक्रेन की 821 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है. रूसे सेना के निशाने पर 87 टैंक और दूसरी चीजें आई हैं. कोनाशेंकोव ने यह जानकारी नहीं दी कि इन हमलों में कितने लोगों की मौत हुई है. उनका दावा है कि रूसी सेना ने दक्षिणी शहर मेलिटोपॉल पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया है. यह शहर अजोव सागर तट से करीब 35 किलोमीटर दूर है. उनका यह भी कहना है कि रूस समर्थित अलगवावदी डोनबास के इलाके में काफी आगे बढ़ गए हैं. रूस और यूक्रेन दोनों की ओर से किए जा रहे दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.
आम लोगों को नुकसान
रूस का दावा है कि उसके हमले का लक्ष्य केवल यूक्रेन के सैन्य ठिकाने हैं लेकिन इस युद्ध में बहुत से आम लोगों की जान गई है और लोग घायल भी हुए हैं. यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको ने शनिवार को बताया कि 198 लोगों की जान गई है और 1 हजार लोग रूस के हमले में घायल हुए हैं. उनके बयान से यह पता नहीं चल सका है कि इसमें कितने सैनिक और कितने आम नागरिक हैं.
कीव के दक्षिणपूर्वी बाहरी हिस्से की एक बहुमंजिली इमारत में एक मिसाइल आ कर गिरी है. इसकी वजह से इमारत में का एक हिस्सा तबाह हो गया है. राहतकर्मियों ने वहां पहुंच कर लोगों को मदद दी है. राहतकर्मियों का कहना है कि इस हमले में छह आम लोग घायल हुए हैं.
यूक्रेन पर हमले के बाद जान बचाने के लिए बड़ी संख्या में लोग घर छोड़ कर दूसरे ठिकानों की ओर जा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबक 1,20,000 से ज्यादा यूक्रेनी लोगों ने पोलैंड, मोल्डोवा और दूसरे पड़ोसी देशों का रुख किया है. यह संख्या बहुत तेजी से लगातार बढ़ती जा रही है.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने बताया, "लगभग 1,16,000 लोगों ने अब तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की है. यह संख्या ऊपर जा सकती है और हर मिनट यह बदल रही है. हालत काफी अस्थिर हैं और हर घंटे बदल जा रहे हैं."
लड़ाई रोकने पर बातचीत के संकेत
शुक्रवार को लड़ाई रोकने के लिए बातचीत की उम्मीद बनी और फिर टूट गई. रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने कहा कि वह बातचीत के लिए बेलारूस में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए तैयार है. लेकिन बाद में वह अपने बयान से पीछे हट गया. इसके पीछे वजह ये बताई गई कि यूक्रेन बेलारूस की बजाय वारसॉ में बात करना चाहता है. इसके बाद क्रेमलिन की तरफ से चर्चा बंद हो गई. रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने यूक्रेनी राष्ट्रपति के प्रस्ताव की गंभीरता को लेकर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जेलेंस्की को बातचीत के लिए पहले ही रजामंद हो जाना चाहिए था.
हालांकि शुक्रवार की रात जेलेंस्की के प्रवक्ता सर्गी निकिपोरोव ने फेसबुक पर लिखा कि दोनों पक्ष बातचीत के लिए जगह और समय तय करने पर चर्चा कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव को पास कराने की कोशिश नाकाम हो गई. इस प्रस्ताव में रूस से यूक्रेन पर हमला रोकने और अपनी सेना वापस बुलाने की मांग की गई थी. रूस ने इस प्रस्ताव को वीटो कर दिया. 11 देश इस प्रस्ताव के पक्ष में थे लेकिन भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने इस दौरान चर्चा से बाहर रहने का फैसला किया. सुरक्षा परिषद में इसके खिलाफ काफी एकजुटता दिखी लेकिन यह सर्वसम्मति में नहीं बदल सकी. अमेरिका और उसके समर्थक देशों का कहना है कि भले ही यह प्रस्ताव पास नहीं हो सका, लेकिन इसने दिखा दिया कि रूस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितना अलग थलग पड़ गया है.
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सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पास नहीं होने के कारण इसके समर्थकों को इसे संयुक्त राष्ट्र की आम सभा से तुरंत पास कराने की मांग करने का मौका मिल गया. 193 सदस्यों वाले आमसभा के प्रस्ताव को वीटो नहीं किया जा सकता. हालांकि आमसभा का सत्र बुलाने के लिए अभी कोई समय तय नहीं की गई है.
रूस पर सख्ती
पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में सैन्य दखल के विकल्प को तो चर्चा से बाहर रखा है, लेकिन रूसी अर्थव्यवस्था और पुतिन पर लगाम कसने के लिए तमाम कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, और यूरोपीय संघ ने शुक्रवार को कहा है कि वे राष्ट्रपति पुतिन और विदेश मंत्री लावरोव पर प्रतिबंध लगाएंगे. यूरोपीय संघ ने सर्वसम्मति से उनकी संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन प्साकी ने संकेत दिया है कि अमेरिकी प्रतिबंधों में यात्रा प्रतिबंध भी शामिल होगा.
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रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा का कहना है कि इन प्रतिबंधों ने पश्चिम की "पूरी तरह से लाचारगी" को दिखा दिया है. जाखारोव ने टेलिविजन पर कहा है, "आप किससे बात करेंगे? ...एक परमाणु ताकत, एक महान देश, आपने किसके साथ उलझने का फैसला किया है?"
यूरोपीय नेताओं का कहना है कि इसके बाद भी अभी कुछ और प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. इनमें रूस को भुगतान तंत्र स्विफ्ट से बाहर करना भी एक उपाय है. इस बीच एशिया प्रशांत के देशों ने भी रूस के खिलाफ कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इनमें निर्यात को नियंत्रित कर रूस के उद्योग और सैन्य जगत के लिए मुश्किलें खड़ी करना शामिल है. सेमीकंडक्टर और दूसरे हाईटेक सामानों पर भी नियंत्रण किया जा रहा है. कई खेल और संगीत जगत के मुकाबलों से भी रूस को बाहर किया जा रहा है. इनमें फुटबॉल और टेनिस के मुकाबले भी शामिल हैं.
एनआर/आरएस(रॉयटर्स, एपी)