'लेह में चीनी सेना के घुसपैठ की खबर बेबुनियाद'
११ जनवरी २०११भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "सरकार ने मीडिया में चल रही खबरें देखी है जिनमें जम्मू कश्मीर में लेह जिले देमचौक चीनी सेना के घुसपैठ की बात कही जा रही है. ये खबरें बेबुनियाद और सच्चाई से दूर हैं. चिंता की कोई बात नहीं है. ये याद रखा जाना चाहिए कि भारत और चीन के बीच इस इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मतभेद है."
मीडिया ने लेह के उप उच्चायुक्त के बयान के हवाले से कहा है, "चीनी सेना ने पिछले अक्टूबर में यहां चल रहे निर्माण के काम पर आपत्ति जताई थी. इस मामले को भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सेना की जानकारी में डाला गया जो यहां की पहरेदारी करते हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हमसे काम रोकने को कहा."
समाचार एजेंसी पीटीआई को मिली एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के मोटरसाइकिल सवार जवान देमचोक के गोमबिर इलाके में घुस आए और वहां काम कर रहे मजदूरों को धमकी दी. यहां पर चल रहे काम को राज्य के ग्रामीण विकास विभाग ने मंजूरी दी थी. ये रिपोर्ट नागरिक प्रशासन के अधिकारियों, सेना, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और आईटीबीपी के अधिकारियों के बीच बैठक के बाद तैयार किया गया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गोमबिर गांव में दो लाख रुपये के खर्च से बस पकड़ने आने वालों के लिए यात्री पड़ाव बनाया जा रहा था. पड़ाव गृह मंत्रालय के सीमा क्षेत्र विकास योजना के तहत बनाया जा रहा था.रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना के जवान यहां आए और ठेकेदार से काम रोकने को कहा.
भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव ने पत्राकारों से कहा है कि इस तरह के मुद्दों को उछालने से मीडिया को बचना चाहिए. उनका कहना है कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के विचारों में अंतर है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ओ सिंह