लेह में बादल फटने से 59 की मौत
६ अगस्त २०१०जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक कुलदीप खोड़ा ने बताया कि अब तक बाढ़ग्रस्त इलाकों से 59 शव निकाले जा चुके हैं. मरने वालों में सेना के तीन जवान भी शामिल हैं.
खोड़ा ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर राहत का काम शुरू कर दिए गए हैं. राहत में राज्य पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के अलावा लेह में मौजूद सेना के जवान भी लगे हुए हैं. बाढ़ में फंसे 50 जवानों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
बाढ़ की वजह से इलाके में टेलीफोन कंपनी बीएसएनएल का नेटवर्क ध्वस्त हो गया है. लेह एयरपोर्ट का रनवे भी बंद हो गया है जिससे लेह बाकी देश से पूरी तरह कट गया है. जिला अस्पताल और केंद्रीय गृह मंत्रालय के भवन को भी भारी नुकसान पहुंचा है.
बादल फटना एकाएक भारी बारिश होने को कहा जाता है. यह बारिश बहुत ही छोटे इलाके में और बहुत ही कम वक्त के लिए होती है. लेकिन इस दौरान हजारों लीटर पानी एक साथ गिरता है और भारी तबाही मचाता है. इसे फ्लैश फ्लड भी कहा जाता है.
लेह में फटे इस बादल ने पांच गांवों में तबाही मचाई है. इनमें चोगलुमसार और शापू शामिल हैं. लेह से 13 किलोमीटर दूर चोगलुमसार से 14 शव निकाले गए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान पुराने लेह को पहुंचा है. मुख्य बस स्टैंड भी पानी में डूब गया है.
श्रीनगर से 424 किलोमीटर दूर लेह शहर 11,500 फुट की ऊंचाई पर है. दिल्ली से लेह जाने वाली सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस प्राकृतिक आपदा पर दुख जाहिर किया है और प्रशासन को युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में लग जाने को कहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए जमाल