विकीलीक्स की सूची में भारतीयों जैसे नाम
१९ जनवरी २०११भारतीय अंग्रेजी समाचार चैनल हेडलाइंस टुडे ने दावा किया है कि इस सूची में भारतीयों के नाम भी शामिल हो सकते हैं. चैनल ने एक सूची दिखाई जिसमें स्विट्जरलैंड के जूलियस बाएर बैंक एंड ट्रस्ट लिमिटेड नामक बैंक के खाताधारकों के नाम हैं. यह सूची बैंक के पूर्व अधिकारी रूडोल्फ एलमर ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन अंसाज को दी है.
चैनल ने दिखाया कि इस सूची में ऐसे नाम भी हैं जो सुनने में भारतीय लगते हैं. हालांकि चैनल ने साफ कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता कि यह सूची सच्ची है या नहीं या फिर इसमें दिए गए खाताधारकों के नाम सही हैं या नहीं. चैनल ने कहा कि उसे नहीं पता कि ये भारतीय जैसे सुनाई देने वाले नाम वाकई भारतीय लोगों के हैं या नहीं.
इस सूची के मुताबिक दो खातों में 432 करोड़ रुपये जमा हैं. इस बारे में एलमर ने चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि जूलियस बाएर बैंक का भारत में बड़ा कारोबार है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जूलियस बाएर के मालिक का भारत में अच्छा खासा कारोबार है. उन्होंने तो असल में भारत में कुछ निवेश मैनेजर भी नियुक्त किए हैं जिनका मकसद भारत से पैसा जुटाना है."
जब से विकीलीक्स के हाथ स्विस बैंक की सूची लगने की खबर आई है, भारत के राजनीतिक हलकों में खासी हलचल है. मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी ने सरकार से मांग की कि स्विस बैंकों में पैसा जमा कराने वाले सभी लोगों के नाम उजागर किए जाएं. गुजरात के आणंद में बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने उम्मीद जताई कि इस बारे में सुप्रीम में याचिका की सुनवाई के बाद सरकार को स्विस बैंकों से पैसा वापस लाना होगा.
सीपीएम ने भी एक बयान जारी कर खाता धारकों के नाम उजागर करने की मांग की. इस बयान में कहा गया, "ये सभी खाते जब्त कर लिए जाने चाहिए और इनमें जमा पैसा देश के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. भारत सरकार को फौरन यह मामला स्विट्जरलैंड की सरकार और स्विस बैंक असोसिएशन के सामने उठाना चाहिए."
माना जा रहा है कि विकीलीक्स के पास जो सूची है उसमें कम से कम दो हजार लोगों के नाम हैं. इनमें अमेरिका, ब्रिटेन और एशिया के काफी लोगों के नाम हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़