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विकीलीक्स को नोबेल के सबसे ज्यादा नॉमिनेशन

२ मार्च २०११

इंटरनेट पर दुनिया भर के कई सनसनीखेज मामलों का खुलासा करने वाली विवादास्पद वेबसाइट विकीलीक्स को इस साल के नोबेल पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा नॉमिनेशन मिले हैं.

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तस्वीर: AP

नोबेल पुरस्कार 2011 के नॉमिनेशन में विकीलीक्स के अलावा रूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने भी इस साल नोबेल पुरस्कार के लिए सबसे अधिक 241 नॉमिनेशन हासिल किए हैं. नॉर्वे की नोबेल समिति ने कहा कि इस साल प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए 53 संस्थाओं का नामांकन किया गया है.

शांति के लिए नोबेल पुरस्कार 2011 के लिए मनोनीत होने वाली दुनिया की चर्चित हस्तियों में अफगानिस्तान की मानव अधिकारों की पैरोकार सीमा समर, जर्मनी के पूर्व चांसलर हेल्मुट कोल, क्यूबा के असंतुष्ट नेता ओसवाल्डो पाया सारडिनाज, रूस की मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वेटलाना गन्नुशकिना शामिल हैं.

Julian Assange Auslieferung nach Schweden
तस्वीर: dapd

नोबेल पुरस्कार पैनल के सदस्य गायर लुंडेस्टाड ने कहा, "लंबे समय को ध्यान में रखते हुए इतना कहा जा सकता है कि नोबेल पुरस्कार में लोग गहन रुचि ले रहे हैं और इसीलिए इसके दावेदारों के दायरे में बढ़ोतरी हो रही है". गायर लुंडेस्टाड नोबेल के लिए होने वाली वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे. संसद सदस्य, कानून और राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक और पूर्व नोबेल विजेताओं ने मिलकर इस साल के नोबेल के लिए दावेदारों का नॉमिनेशन किया. इनमें से कुछ लोगों ने अपने नॉमिनेशन को सार्वजनिक भी किया.

मुश्किलों के बावजूद

विकीलीक्स ने हजारों खुफिया कूटनीतिक संदेशों को सार्वजनिक कर कूटनीति की दुनिया में धमाका कर दिया. अमेरिका को दुनिया भर में खुफिया संदेश सार्वजनिक होने के चलते शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. वहीं वेबसाइट के संस्थापक जूलियन असांज भी मुश्किल में फंसे. स्वीडन में दो महिलाओं ने उन पर यौन दुराचार का आरोप लगाया, कई कंपनियों ने विकीलीक्स से रिश्ते तोड़ लिए, उसको मिलने वाली वित्तीय मदद के माध्यम खत्म कर दिए गए. सनसनीखेज खुलासों के कारण विकिलीक्स की चारों तरफ चर्चा रही और अब उसे नोबेल के सबसे ज्यादा नॉमिनेशन मिले हैं.

उत्तरी अफ्रीका और मध्यपूर्व में हुए जनआंदोलन को पांच सदस्यीय नोबल पुरस्कार पैनल किस तरह देख रही है, इसके बारे में कोई अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन कुछ जानकारों का मानना है कि फेसबुक, ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये कुछ देशों में सरकार की नीतियों के खिलाफ व्यापक रूप से असंतोष फैला है और इंटरनेट को जनता की आवाज बुलंद करने का इनाम मिलना चाहिए.

लंडेस्टन ने कहा, "नॉर्वे के संसद सदस्य और यूएस कांग्रेस इस साल नॉमिनेशन की प्रक्रिया में बहुत सक्रिय रहे." पूर्व प्रधानमंत्री थोर्बजॉर्न जागलैंड के नेतृत्व में नोबल पुरस्कार समिति ने पिछले कुछ सालों में बेबाक निर्णय लेने से गुरेज नहीं किया है. पहले इस समिति ने बराक ओबामा के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के कुछ माह बाद ही उन्हें नोबल देकर नई बहस को जन्म दिया और पिछले साल इस समिति ने जेल में बंद चीनी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले मानवाधिकारवादी विद्रोही नेता लू श्याबाओ को शांति का नोबल पुरस्कार दिया.

रिपोर्टः रॉयटर्स/एस खान

संपादनः ए जमाल

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