1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

विवादों में घिरा मैर्केल का रूस दौरा

Priya Esselborn२१ जून २०१३

जर्मन चांसलर के रूस दौरे से पहले स्कैंडल. सेंट पीटर्सबर्ग के मशहूर म्यूजियम में मैर्केल और राष्ट्रपति पुतिन को कांस्य काल पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करना था, लेकिन मैर्केल के भाषण पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया.

https://p.dw.com/p/18u5M
तस्वीर: picture alliance/AP Photo

एरमिताज म्यूजियम में हो रही प्रदर्शनी को अब चांसलर मैर्केल के कार्यक्रम से निकाल दिया गया है. जर्मनी और रूस के बीच द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी और सोवियत सेनाओं द्वारा लूट कर ले जाई गई कलाकृतियों पर विवाद सुलझा नहीं है. नाजी काल में सोवियत संघ के कब्जे वाले हिस्से से लूटी गई कलाकृतियों और किताबों में से अधिकांश को जर्मनी ने युद्ध के कुछ समय बाद लौटा दिया, लेकिन रूस लाल सेना द्वारा ले जाई गई कृतियों को युद्ध का हर्जाना मानता है.

Merkel und Putin in St. Petersburg 21.06.2013
मैर्केल और पुतिनतस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी ने बार बार रूस से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला देकर कलाकृतियां वापस मांगी है, जबकि रूस यह कहता रहा है कि उसके सैनिकों ने अपने खून से उसकी कीमत चुकाई है. 1990 में शीतयुद्ध के खत्म होने के बाद से दोनों पक्ष उसकी वापसी पर बात कर रहे हैं. एरमिताज की प्रदर्शनी में जर्मनी से लूटे गए एबर्सवाल्डे के सोने की कृतियों का प्रदर्शन किया जा रहा है. यह प्रदर्शनी रूस-जर्मन वर्ष के मौके पर बर्लिन और मॉस्को के म्यूजियमों के सहयोग से हो रहा है और इसमें कांस्य काल की 1700 कलाकृतियां दिखाई जा रही है.

शुक्रवार को मैर्केल पहली बार सेंट पीटर्सबर्ग में एक आर्थिक फोरम में शामिल हो रही हैं. उसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ एक वाद विवाद में भाग लेने की योजना है. एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के बाद दोनों नेता एक जहाज पर शाम का खाना साथ साथ खाएंगे. बर्लिन वापस लौटने से पहले मैर्केल और पुतिन प्रदर्शनी का दौरा करते. प्रदर्शनी के महत्व को देखते हुए चांसलर लूटी गई कलाकृतियों का मामला उठाना चाहती थीं, लेकिन रूसी पक्ष इसके लिए तैयार नहीं था.

Goldschatz Eberswalde
एबर्सवाल्डे का सोनातस्वीर: picture-alliance/dpa

बर्लिन से रवाना होने के पहले जर्मन सरकार के प्रवक्ता श्टेफान जाइबर्ट ने प्रदर्शनी में मैर्केल और पुतिन के शुभकामना संदेश वाले कार्यक्रम के रद्द होने की जानकारी दी. उसमें मैर्केल सौवियत सैनिकों द्वारा ले जाई गई कलाकृतियों को वापस करने की मांग करतीं. उसके बाद साझा उद्घाटन का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. जाइबर्ट ने कहा कि यह फैसला दोनों पक्षों ने किया. मैर्केल एक ऐसी प्रदर्शनी में चुप नहीं रहना चाहती थीं, जिसमें ऐसी चीजें दिखाई जा रही हों, जिसपर जर्मनी अभी भी दावा कर रहा है. 2008 में रूस ने एक कानून पास कर उन्हें रूसी संपत्ति घोषित कर दिया था.

हाल के समय में रूस और जर्मनी के संबंधों पर भतभेद हावी दिखाई दे रहे हैं. दूसरे मुद्दों के अलावा सीरिया पर भी दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं. सत्ताधारी सीडीयू पार्टी के करीबी संगठन आडेनावर फाउंडेशन जैसे विदेशी संस्थाओं के खिलाफ रूसी सरकार की कार्रवाई के कारण भी दोनों पक्षों के बीच तल्खी है.

एमजे/एनआर (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी