1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

विस्तार नहीं है सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर

३ दिसम्बर २०१०

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के भारत के दावे के समर्थन के बावजूद विश्व संस्था में अमेरिकी दूत ने कहा है कि सुरक्षा परिषद का सुधार पंद्रह सदस्यों वाली संस्था के एजेंडे पर नहीं है.

https://p.dw.com/p/QOdW
तस्वीर: Samir Huseinovic

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले महीने भारत के अपने दौरे पर सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का समर्थन किया था. लेकिन उसके एक महीने बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत सूजन राइस ने कहा है कि नए सदस्यों को शामिल करने का मुद्दा सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर नहीं है. उन्होंने कहा, "जैसा कि बहुत से लोग जानते हैं, सुरक्षा परिषद के सुधारों पर अंतर-सरकारी वार्ताएं चल रही हैं. वे महासभा के दौरान होती हैं. हम उनमें सक्रिय भागीदारी करते हैं. यह ऐसा मुद्दा नहीं है जो औपचारिक रूप से सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर हो, न तो इस महीने और न ही आने वाले महीनों में."

सूजन राइस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अमेरिका सुरक्षा परिषद में मामूली सुधारों का हिमायती है और स्थायी सदस्यता के लिए भारत तथा जापान के प्रयासों का समर्थन करता है.

भारत न सिर्फ सुरक्षा परिषद को व्यापक और सामयिक दुनिया के सत्ता संतुलन के अनुरूप बनाए जाने का पक्षधर है बल्कि अपने लिए भी दुनिया की सबसे ताकतवर संस्था में स्थायी सीट चाहता है. भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील जी-4 के सदस्य हैं जो एक दूसरे के दावों का समर्थन करते हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा

संपादन: एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें