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आतंकवाद

शक के बावजूद कैसे हमला कर गया आईएस का आतंकी

५ मार्च २०१९

बर्लिन के क्रिसमस बाजार पर ट्रक हमले से ठीक पहले पहले मोरक्को ने जर्मनी को आगाह कर दिया था. जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसी ने यह जानकारी अमेरिका को भेजी, लेकिन जबाव आने से पहले ही इस्लामिक स्टेट ने हमला कर दिया.

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Berlin LKW nach Anschlag am Breitscheidplatz
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

मोरक्को की खुफिया एजेंसी को बर्लिन के क्रिसमस बाजार में ट्रक हमला करने वाले अनीस आमरी की संदिग्ध गतिविधियों का अंदाजा अटैक से पहले ही हो चुका था. हमले की तैयारी के दौरान ट्यूनीशिया के अनीस आमरी ने मोरक्को के इस्लामी कट्टरपंथियों से संपर्क किया था. इसी दौरान वह मोरक्को की खुफिया एजेंसियों के रडार में आ गया. आमरी से जुड़े खुफिया दस्तावेज जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के हाथ लगे हैं.

आमरी से जुड़ी जानकारी जर्मनी के फेडरल ब्यूरो ऑफ क्रिमिनल इनवेस्टीगेशन (बीकेए) तक पहुंची. बीकेए ने हमले से करीब महीने भर पहले नवंबर 2016 में ये दस्तावेज संघीय और प्रांतीय सरकारों की सुरक्षा एजेंसियों को दिए.

दस्तावेजों में दबे एक नोट के मुताबिक, एक जगह आमरी को "इस्लामोनौट" कहा गया था, जो "एक प्रोजेक्ट" को अंजाम देना चाहता था. समाचार एजेंसी को मिले नोट के मुताबिक आमरी उस प्रोजेक्ट के बारे में फोन पर बातचीत नहीं करना चाहता था.

इसके सामने आने के बाद मोरक्को ने बीकेए से एक मोरक्कन नागरिक, एक फ्रेंच मोरक्कन शख्स और आमरी के बारे में ज्यादा जानकारी मांगी. मोरक्को की खुफिया एजेंसी यह जानना चाहती थी कि इन संदिग्धों के सीरिया, लीबिया और इराक में सक्रिय इस्लामिक स्टेट से कैसे रिश्ते हैं.

Fahndungsfotos des gesuchten Tunesiers Anis Amri
अनीस आमरी​तस्वीर: picture alliance/dpa/A. Dedert

इसके बाद जर्मनी की घरेलू खुफिया सर्विस से कहा गया कि वह मोरक्को से आने वाली सूचनाओं पर नजर रखे. हमले की जांच कर रही जर्मन संसद की समिति के मुताबिक, घरेलू खुफिया सेवा ने मोरक्को से आई जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसी को भेजी. अमेरिकी एजेंसी ने आग्रह किया गया कि वह मोरक्को से मिली जानकारी का निचोड़ निकाले.

लेकिन इसी बीच 19 दिसंबर 2016 की शाम जर्मन राजधानी बर्लिन के मशहूर क्रिसमस बाजार में अनीस आमरी ने ट्रक हमला कर दिया. अमेरिका से मांगी जानकारी हमले के अगले दिन आई.

जर्मनी अनीस आमरी के शरण के आवेदन को पहले ही खारिज कर चुका था. वह ड्रग डीलिंग के धंधे में लिप्त था. 19 दिसंबर को आमरी ने इटली से पोलैंड लौट रहे एक ट्रक को रास्ते में ही हाइजैक किया. आमरी ने सिर पर गोली मार कर ड्राइवर की हत्या की और फिर बर्लिन पहुंच कर ट्रक को क्रिसमस बाजार में घुसा दिया. हमले में 12 लोगों की मौत हुई और 70 से ज्यादा घायल हुए.

उस हमले के बाद से जर्मनी हर तरह के बड़े सार्वजनिक आयोजनों में पुलिस ट्रक और कंक्रीट के भारी ब्लॉक लगा कर रास्ता बंद कर देती है. आमरी के हमले के बाद जर्मनी में रिफ्यूजियों और शरणार्थियों को लेकर राजनीतिक बहस भी तेज हो गई.

ओएसजे/एए (डीपीए)